चलो आज तुम्हारे दिल के जज्बात बदलते है,
नहीं बदले हो अगर, तो चलो तुमको बदलते हैं!
तय है मेरे कुछ पैमाने तुमसे, मेरी ख़्वाहिशों के,
है एतराज़ पैमाने पे तो चलो जुस्तजू बदलते हैं!
नजरों से बावस्ता हो तुम और आंखों से रूबरू,
हो हिचक आंखों से तो चलो नज़रिया बदलते हैं!
तीरगी में छिपी हो तुम, मेरी रौशनी से घबराकर,
मिले तसल्ली तुमको, तो चलो चराग़ बदलते हैं!
मंज़िल है अब भी वहीं पे, रास्ते बेशक वही ही हैं,
अगर लगती दूर मंज़िल तो चलो रास्ते बदलते हैं!
वक़्त भले तब्दील हुआ पर उसूल इश्क के है वही,
है दिक्कत तब्दीली से तो चलो ज़माना बदलते है!
झिझक उम्र के इस मोड़ पर की लोग क्या कहेंगे, _राज सोनी
दे मिसाल मोहब्बत की "राज" चलो सोच बदलते है!
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