"संस्कारी लड़की" कभी तलाक नहीं लेती,
वो दहेज लेके "सुसराल" जाती है,
मार खाती है,जला दी जाती है,बेच दी जाती है,
लेकिन "संस्कारी लड़की" कभी "तलाक" नहीं लेती,
"बेटी पैदा" होने पर अस्पताल वाले चुपचाप सरक लेते हैं,
ये तक कहते हैं कि ये किसी और की "औलाद" है,
लेकिन "संस्कारी लड़की" कभी तलाक नहीं लेती,
"दामाद" नकारा हो,नालायक हो, दगाबाज हो,
पर "बेटी" को कभी ये सीख मत देना कि
अलग हो जा, मत सह, चुप ना रह,बोल,
क्यूंकि संस्कारी लड़की "सहने" के लिए पैदा होती है,
"जीने" के लिए नहीं..!!!!
:--स्तुति
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