मुझसे मेरा हाल ना पूछो
कैसा गुजरा साल ना पूछो-
अब कुछ नहीं आता, आँखों में अश्क के सिवा! 🙃
उल्फत के मारों को, मारा करती है
वो एक-एक कर, सबसे गुजारा करती है
मैं उतनी ही शिद्दत से मौत का करता हूं
जिंदगी जितना इंतजार हमारा करती है
भर सकता था घाव मगर मैं क्या बोलूं
वो जख्म पर जख्म की पट्टी मारा करती है
कमरे में पंखा है, टेबल, रस्सी भी
और ऊपर से छत भी इशारा करती है।।-
दिल के बदले बस दिल
और नहीं चाहिए कुछ भी?
क्या? तुम्हें मुझसे इश्क़ है?
यार मतलब कुछ भी..!?-
खुशी में झूम लेती हूं
गगन में घूम लेती हूं
है आती जब भी उसकी याद
मैं उसको चूम लेती हूं
हया उसमें बखूबी है
वो कहती है " जरा ठहरो "
तुम्हें जो भी हो, करना तुम
मैं आंखें मूंद लेती हूं..!!-
सुनो ना बाबा
बाबा ये दुनिया बड़ी ज़ालिम है
चैन से जीने नहीं देती
असल में भी सताती है, और
ख्वाब भी पिरोने नहीं देती
बाबा वो जो हमने पेड़ लगाया था ना?
बाबा वो पेड़ अब सूख गया है!
मां भी अब ज्यादा कुछ बोलती नहीं
बाबा भाई भी आपसे रूठ गया है
खुशियों की भी अब हम पर बरसात नहीं होती
बाबा ऐसे चले जाना , अच्छी बात नहीं होती..!!-
जिन्हें मोहब्बत होती है खुशबुओं से
वो लोग फूलों को तोड़ा नहीं करते..!!-