घने कोहरे के बाद बलबलाकर निकल रहे हैं बच्चे अपने घरों से बैट-बॉल लिए पर मोहल्ले में नहीं है कोई खेलने की जगह और न ही कोई मैदान शहर में मायूस हो 'कैच एन्ड थ्रो' खेल कर ही संतोष कर लेंगे धूप की आखिरी किरण तक ढूँढते रहेंगे खेलने की कोई जगह ये बच्चे कई दिनों बाद धूप निकली है ..
फिर कुछ पल में छिप जाएगी, रोशनी के बाद ही काली रात आयेगी... अभी गुमराह रह, तेरा भटकना ज़रूरी है, भटक इतना,भटकते-भटकते मंज़िल खुद ब खुद तेरे पास आयेगी...