यादें भाप बनकर उड़ेंगी
उमड़ेंगी घुमड़ेंगी
फिर बरस पड़ेंगी
नैनों से ...-
घने कोहरे के बाद
बलबलाकर निकल रहे हैं बच्चे
अपने घरों से
बैट-बॉल लिए
पर मोहल्ले में नहीं है कोई खेलने की जगह
और न ही कोई मैदान शहर में
मायूस हो 'कैच एन्ड थ्रो' खेल कर ही
संतोष कर लेंगे
धूप की आखिरी किरण तक
ढूँढते रहेंगे खेलने की कोई जगह ये बच्चे
कई दिनों बाद
धूप निकली है ..-
सूरज से दूर होकर
दरख्तों के बीच से होते हुए
साहिल पे जमा रेत को छूते हुए
समंदर से मिलने के लिए
आज फिर धूप निकली है!!!-
Don't forget that the biggest success arrives after the hardest struggle.
Just like
Another bright day arrives after the dark night.-
फिर कुछ पल में छिप जाएगी,
रोशनी के बाद ही काली रात आयेगी...
अभी गुमराह रह, तेरा भटकना ज़रूरी है,
भटक इतना,भटकते-भटकते मंज़िल खुद ब खुद तेरे पास आयेगी...-
" धूप निकली है "
कण-कण कुदरत
उष्मा मिलती है लकीर से।
धूप निकली है मिलने
बादलों को चीर के॥
सन्नाटा था पसरा
न भँवरा, न तितली भुनभुना रहा।
मिली एक किरण रोशनी की
हर कोई गुनगुना रहा ॥
आशा तो है जग जगमगाता रहे
भँवरे तो दिखते हैं गंभीर से।
धूप निकली है मिलने
बादलों को चीर के ॥
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कई दिनों के आज फिर धूप निकली है
बड़ी ही सुहानी आज यह शाम ढली है
मन में है सुकून और दिल को आराम
ऐ दोस्त आज फिर फिजा भी बदली है-