कोई जिए, कोई मरे; इन्हें फर्क पड़ता नहीं
जहां राजनीति चमके ,वो ही खबर होती है।
यह लोकतंत्र है चार स्तंभों वाला साहब
सभी के बिकने से इसकी बसर होती है।-
डरते तो नहीं हम कभी घने अंधेरे से भी
डर रहता है तो बस 'दोहरे चेहरे' से ही-
आप जिसे दिल से निकालेंगे ,
वो आपके दिमाग़ में जा बैठेगा।-
अरे जनाब
लोगों के चेहरों पर भी कितने नकाब होते है
सामने हमारे और पीठ पीछे आस्तीन के सांप होते है।
________________attitude girl-
दुनिया देखते ही देखते बेगैरत हो गयी
हम ज़रा सा क्या बदले सबको हैरत हो गयी-
भारत में ग़रीब और ग़रीबी सबसे चहेता शब्द है ,
जिसका लोग दूर से आनन्द लेते है पर मदद के हाथ कभी नही बढ़ाते ।-
प्रकृति रौद्र रूप ले लेती है
जब मानवता को कुष्ठ रोग हो जाता है ।-
हाँ
बहुत मानती हैं वो मुझे
बहुत ख्याल रखतीं हैं वो मेरा
मेरी चोट से बहुत तकलीफ होती है उन्हें
परवाह करती हैं वो मेरी
लेकिन
सिर्फ
बातों से।-
आह पे पहरे हज़ार रक्खे हैं
ज़ख़्म गहरे हज़ार रक्खे हैं
आइये एक दफ़ा दिल जला लें
तुमने मोहरे हज़ार रक्खे हैं
दरिया को थी क़तरों की उम्मीद
जिसने सहरे हज़ार रक्खे हैं
अब हक़ीक़त ना हमसे पूछिये
लफ़्ज़ दोहरे हज़ार रक्खे हैं-
शतरंज के वो मोहरे......
अपनो के वो चेहरे दोहरे.....
दिलो के बीच छाए वो झूठी उम्मीद के कोहरे......
इस ज़मीर को झंझोर जाते ।।
नई शुरुआत के ख्वाब तक को तोड़ जाते ।।-