Dr. Arjun Grover   (Dr.Arjun Grover)
566 Followers · 2 Following

read more
Joined 2 May 2020


read more
Joined 2 May 2020
14 APR 2022 AT 20:01

It has been 03 years.....

आत्मसम्मान की जंग में इंसान बहुत कुछ खो जाता हैं.....

मज़बूत हो कर भी ज़हन से उन यादों को न मिटा पाता हैं.....

-


14 APR 2022 AT 20:00

It has been 03 years.....

आत्मसम्मान की जंग में इंसान बहुत कुछ खो जाता हैं.....

मज़बूत हो कर भी ज़हन से उन यादों को न मिटा पाता हैं.....

-


4 MAR 2022 AT 1:26

"बिरह का दर्द कितना विषैला होवै,
अतीत की सेज़ कितनी दर्दनाक होवै,
एहसास के इंतज़ार की तड़प कितनी निर्दयी होवै,
खुशी के मुखोटे पे छिपा नीर कितना भारी होवै ।।"

-©dr.arjun grover

-


28 FEB 2022 AT 2:16

"उस दर्द को ज़हन में समा....
तुम्हारी यादों को दिल में दबा...
इंतेहा कब तक उस पथ पे चलेंगे.....
आखिरी श्वास तुम्हारे नाम का लबो पे ला
इस जग से चलेंगे।।

दर्द क्यों इतना मिलता हैं....
तन्हाई तुम्हारी मे हर पल ये दिल क्यों पिघलता हैं.....
विरह का वो लम्बा इंतज़ार
क्यों न खत्म होता हैं.....
क्यों इस रूह का दामन तुम्हारे लिए
यूँ हर इक रोज़ तड़पता हैं।।"

- #डॉ. अर्जुन ग्रोवर

-


21 JAN 2022 AT 18:43

तुझ से ही हैं
उस तड़प का,
आगाज़-ए-इंतकाम।।

तेरे से ही हैं
उस अनन्त इंतज़ार की,
मंज़िल-ए-खुदा।।

हर श्वास में तेरा एहसास पाया,
तुझ को हर पल खुदसे दूर जाता पाया।।

©Dr.Arjun Grover

-


20 JAN 2022 AT 12:06

तेरे पास होने की इबादत हैं,
तेरी रूह से मिलने की चाहत हैं।
तुझ से दूर रहने का विराह सहा जाए न,
तुझ से मिलने की साज़िश रची जाए न।

इस तड़प की मंज़िल तू हैं,
इस जन्म की जन्नत तेरी रूह हैं।
कब होगा इंतकाल-ए-इंतज़ार,
जब दो रूहों का होगा संगम इक साथ ।।

©dr. arjun grover

-


13 AUG 2020 AT 22:33

शतरंज के वो मोहरे......
अपनो के वो चेहरे दोहरे.....
दिलो के बीच छाए वो झूठी उम्मीद के कोहरे......

इस ज़मीर को झंझोर जाते ।।
नई शुरुआत के ख्वाब तक को तोड़ जाते ।।

-


18 JAN 2022 AT 12:08

I am at that threshold of mah life where I m now totally emotionlessly strong.... Don't damm care any Why,How etc.about of being so EMOTIONLESS.....
©dr.arjun grover

-


9 OCT 2021 AT 9:06

ये ज़िन्दगी सब सीखा जाती है,
कभी हँसा जाती है।
तो केभी रूला जाती,
कभी सुखवान,कभी दुखवान,
कभी कहरदान,तो कभी मेहरबान;
-बन जाती है।
बस हर पल सीखाती है।
बिन कहे बहुत कुछ बतलाती है,
तभी तो इक गुरु कहलाती है।।

~डॉ. अर्जुन ग्रोवर

-


9 OCT 2021 AT 0:45

इंतज़ार आज भी है,
तड़प आज भी है।
रूमानी महोबत आज भी है,
मगर जो दिल फिर तुम पे करे
-विश्वास;
नहि है वो आज
-पाषाण से भी कुछ खास।।

~डॉ. अर्जुन ग्रोवर

-


Fetching Dr. Arjun Grover Quotes