To satisfying my soul .
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आवश्यकता पड़ने पर आपको भगवान मानने वाले ,
आवश्यकता ख़त्म हो जाने के बाद बड़ी ही कुशलता से आपका विसर्जन कर देते है ।-
कीचड़ में कमल का खिलना प्रकृति की एक सुंदर घटना है ,
अफसोस की बात यह है कि यह प्रक्रिया इंसानो पर लागू नही होती ।-
हज़ारो जन्म तक भटकते- भटकते
हमारी रूह एक निश्चित निर्णय पर आ जाती है ,
की नही होता खात्मा एक सफ़र का एक जन्म में
हम तलाशते रहते है सुकून को किसी और के आंखों मे।
जब तक यह नहीं मिलती किसी और रूह में
हम जन्म लेते है बार बार ,
और फिर मिल जाते है हर एक जन्म में।-
तुम एक यथार्थ हो
या मेरी कल्पना ,
सूक्ष्म ,स्थूल कोई भी रूप में हो
पर प्रमाण दो की तुम हो ?
यूँ ही कोई संरचना प्रकृति की ज़ाया नही होती
न ही होती है विफ़ल कोई योजना
ओस से लेकर कीट का अस्तित्व है जगत में
पर तुम्हारा अस्तित्व मुझसे है ।
मैं ही निर्माण करती हूं तुम्हारा
निराकार या साकार रूप गढ़ती हूँ मन में ।
विस्वास करती हूं तुम्हारी योजना पर
की तुम हो मेरे मन मे ।
ईश्वर का साक्षात्कार करती हूं
कर्म को साक्षी मान कर,
एक एक योजनाओं को साकार करती जाती हूं
सदैव मानती हूं कि तुम हो मेरे कर्म में।
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Which has unseen bristles that makes us more shiner .
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आपके बारे में कहानियां फैलाने वालों को आपका किरदार एक दिन भी जीना पड़े तो उनकी सौ पुश्तें क़ब्र से बाहर निकल आएंगी ,
अफ़वाहियो के ऐसी ही मनोवृत्ति के कारण इनकी अगली कई नस्लें अवसाद ग्रस्त पैदा हो जाती है ।
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जैसे दो मुट्ठी धूप आंगन में आने से संतुष्ट हो जाता है पूरा घर ,
वैसे ही सन्तुष्टि मिलती है मुझे जब मैं हिंदी की कविता लिखती हूँ ।-
जब जब हृदय आघात लगता है तब हम मुस्कुराते है ,
जब जब हमारे मान का ह्वास होता है तब हम मुस्कुराते है ,
जब बसन्त की चुनरी ओढ़े सावन में नयनों से अश्रु बहते है तब भी हम मुस्कुराते है ।
पर यदि कोई ससम्मान हमें गले से लगा लेता है तो हम रो देते है ।
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वे अन्य की बेटियों को बहुत तुच्छ समझते है ,
जिन्हें ईश्वर स्वयं बेटियों से नहीं नवाज़ता ।-