एक चेहरे से उतरती है नकाबे कितनी
लोग कितने हमे एक शख्स में मिल जाते है...
🥀💔💫-
15 MAY 2021 AT 10:42
25 JUN 2020 AT 20:57
ज़रूरी तो नहीं की लिबास की बंदिश में कोई खोट ना हो,
पर गर अर्धनग्नता से सोच ऊंची होती तो ऐसी भी कोई बात ना हो,-
4 APR 2020 AT 10:34
मौसम बदलने की तो ऋतु होती है,
पर लोगों के बदलने की कोई ऋतु नहीं होती।
किस को अपना समझे किस पर करे यकीन,
अब किसी पे भरोसा करने की हिम्मत नही होती।
पल भर में लोग बदल जाते हैैं इस कदर,
अब हमको किसी की बात से हैरत नहीं होती।
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17 MAY 2021 AT 15:16
संविधान खतरे में था तो सब दिख रहे थे
अब देश खतरे में है तो कोई नहीं दिख रहा।-
22 FEB 2021 AT 19:41
ख़ामोशी हिसार है लफ़्ज़ों की दुनिया का
बहुत बेहतर है के इनको बेकार लोगों पर जाया ना किया जाए-
27 MAR 2020 AT 19:49
आज के रिश्ते
उस कच्चे धागे
की तरह हो गए हैं
गांठ बांधने पर भी
आसानी से टूट जाते हैं-
5 AUG 2020 AT 16:25
किसी को दोगला कहने वालों
अगर वो तुम्हारी तस्वीर देखता होगा,
तो शायद उससे भी गिरगिट नज़र आता होगा ।।-