गर दिखावा करना ही है देशभक्ति, तो हाँ नहीं हूँ मैं देशभक्त!!!
गर धोखा देना ही है देशभक्ति, तो हाँ नहीं हूँ मैं देशभक्त!!!
यहाँ झंडा फहराकर फेकने में माहिर हैं लोग,-2
गर झंडे को फेकना ही है देशभक्ति, तो हाँ नहीं हूँ मैं देशभक्त!!!-
लिखता हूं मैं प्यार की बातें और लिखता ही रहूंगा
तुम करना प्यार की बातें मैं सुनता ही रहूंगा
मैं करता हूं प्यार देश से और करता ही रहूंगा
दिल में मोहब्बत है देश के लिए तो इजहार करता रहूंगा
ऐ वतन में जहां भी जाऊं तुझे याद करता ही रहूंगा....-
हाथ में दे हथियार, तुम्हें हथियार बना रहे हैं।
जाग जाओ देशभक्तों, वो तुम्हें गद्दार बना रहे हैं।-
अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाना है
समझो ना कि ये नया बहाना है
देशभक्त देंगे कुर्बानी कमाई की
इनके लिये भी हम को दीप जलाना है।
हम हैं अन्धे राजा हमारा काना है
पीछे पीछे उनके चलते जाना है
नीलकंठ से जो गरल आज पीते हैं
उनके लिये घण्टा हमें बजाना है।
कुछ बोतल हैं लुढ़की कुछ हैं टकराई
लड़ रहे हैं बेवड़े भी लड़ाई
सिर्फ डॉक्टर या पुलिस का सम्मान क्यों
इन पर भी तो फूल हमें चढ़ाना है।-
देश के सर माथे पर वीरों कर्ज़ तुम्हारा है
निभाया जिस तरह से तुमने हर फ़र्ज तुम्हारा है
तरसती रह गई शेहरे की लड़ियाँ भी कहीं अक्सर
शहनाई छोड़ आये हैं देश ने जब पुकारा है-
कि जिन वीर सपूतों ने देश के लिए ख़ुद को किया था क़ुर्बान, आओ उन्हें सलाम करें।
जिनके लिए देश से बढ़कर कुछ भी नहीं था, आओ उन वीरों को दिल से प्रणाम करें।
जिनकी शहादत से आज सारा देश चैन की नींद सोता है, आज़ादी से सपने संजोता हैं।
उन नमनीय कर्णधारों की पूजा आओ हम सब मिलकर के बारंबार सर-ए-आम करें।
कि एक बार झेल चुके हैं ये दर्द धोखेबाज़ी का, अब न सहा जाएगा, कोई खंजर दागे।
अब संभल-संभलकर रहना है कि कोई आस्तीन का साँप न देश को अपने ग़ुलाम करें।
अच्छाई का पाठ पढ़ाया है उन वीर सपूतों ने, आओ हम उनका दिल से गुणगान करें।
अब इस देश से बुराई का नाम-ओ-निशान मिटाना है, आओ इसका काम तमाम करें।
किसी माँ ने अपना बेटा खोया, किसी पत्नी ने अपना सुहाग तो किसी बहन ने भाई।
जिन भी देशभक्तों ने त्याग का परिचय दिया, आओ उनके नाम सम्मान का जाम करें।
अपने ख़ून के आख़िरी कतरे तक भी देश के लिए लड़ते रहते थे वो वीर जवान सभी।
आओ उन्हें उनका हक़ दिलाने के लिए एक बार फिर से हम क्रांति का स्व संग्राम करें।
वो वीर सैनिक देश के लिए देशवासियों के भरोसे ही अपने परिवार को छोड़कर गए थे।
वे हमसे धन दौलत सोना चाँदी नहीं माँगते, बस उनको सच्चे दिल से राम! राम! करें।
देश का चप्पा-चप्पा उन सैनिकों के ख़ून से रौशन है "अभि" और उनका क़र्ज़दार है।
आओ अपनी हर साँस को उन वीर सपूतों के परिवार की सेवा, सम्मान के नाम करें।-
जालियाँवाला बाग याद है, अपने भाईयों
बहनों की शहादत की वो रात याद है।
वो जो किया गया था धोखे से अंग्रेजों की
गिरी हुई चाल की गंदी बिसात याद है।
किस तरह निहत्थे लोगों, मासूम बच्चों
और गर्भवती महिलाओं को नहीं छोड़ा।
निर्दोष भारतीयों का जो हुआ था क्या
तुम्हें वो अमानवीय नरसंहार याद है।
बहुत कुछ है कहने को, कलम लहू
से अभि तक लाल है, तुम्हें याद है।
मैं बस इतना पूछना चाहता हूँ अभी
तक तुम्हें उनकी यातनाएँ याद है।-
देखा जो उसने नरसंहार, उबला उसका रक्त था
कोई कहे देशद्रोही, कोई कहे देशभक्त था-
जिस तरीके से
और जिस वेग से
ये सरकार
भारत की संपत्ति को
बड़े- बड़े पूंजीपतियों के हाथों
बेचती जा रही है,
वो दिन दूर नहीं
जब हमें Reliance की Army और
Adaani के Courts देखने को मिलेंगे।
सरकार का भी निजीकरण हो जाएगा।
* Govt. Of India Pvt. Ltd.*
जय श्री राम-