समस्याओं का क्या मजाल हैं
इरादों में मंजिल का सबुत हैं
मुश्किलों का फ़िक्र कैसा
जब दृढ़ संकल्प इतना ही मजबुत हैं-
राहों पर चलते वक़्त कांटों ने मुझको टोका,
तेरे पाषाणशील पैर ने काफी जख्म दिए हैं।-
दृढ़ संकल्प की देरी है जब तक,
लक्ष्य से उतना ही दूरी हैं तब तक।-
इंसान जिंदगी मे कुछ भी पा सकता है
बस उस के प्रति दृढ़ संकल्प जरूरी है ।।-
"ना देखो मुड़कर मंजिल को पाना है,
अपनी हस्ती को आफ़ताब बनाना है,,
ना मचलना राहों में चाँद को देखकर,
आपको तो सूरज बनकर आसमां को जगमगाना है।"
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मानव जनित यह महामारी ,आज पड़ी है पूरे विश्व पर भारी
मिलकर लड़ना है हमें ,तभी बचेगी मानव सभ्यता सारी,
सब मिलकर करें दृढ़ संकल्प,रहेंगे घर पर, नहीं फैलने देंगे ये बीमारी
फिर लाएंगे हम नया वसन्त , फिर मुस्कुरा उठेगी दुनिया हमारी...
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मेरे इरादे मेरी तक़दीर बदलने को काफी हैं,
मेरी किस्मत मेरी लकीरों की मोहताज़ नहीं।-
संघर्ष की ज्योति जल उठी
झिलमिल हो,दीपक ने इशारा किया
मैंने भी साथ कश्ती के
सागर का किनारा छोड़ दिया
एकाएक,चंचल क्रोधित लहरों ने
छिड़की इस तरह कुछ बूंदे
मानो,कह रही हो मुझसे
लौट जा,बदल दे
जो तूने इरादा है किया
और बाकी जो बची है तेरी ज़िन्दगी
उसे मौज-मस्ती के संग जी जरा
साथ एक मुस्कुराहट के
अधरों से मेरे कुछ शब्द फूटे
लोग सब मुझसे है रूठे
निकला हूँ करने सच जो ख्वाब है टूटे
आया हूँ कह के यह बात सबसे
लौटूंगा टूटे ख्वाब पूरा करके
रोक चाहे राह मेरी
या फिर बढ़ा दे और मुश्किल तू मेरी
लेकिन,बात मेरी भी सुन लगा कर ध्यान
लौटूँगा तो विजयी बनकर या बने सागर श्मशान
वीर का यह धीर देख
कह उठी सागर की लहरें
करती हूँ आशा
बढ़ेगा तू सागर की लहरें चीर
देखा जो दृढ़ संकल्प तेरा,धन्य है तू वीर-
मैं खुद से कहता हूँ
जो पानी है, वो मंज़िल, बड़ी,
मेहनत करनी होगी, तुझे, कड़ी।।-