छोटे-छोटे दुखड़े पर रोने और चीखने के लिए ये दुनिया वाकई में बहुत बड़ी हैं , क्योकि दुख में हम केवल हमारी तकलीफ़ दिखाई देती हैं हमें अगर हम ये सोचे कि जितना हमारे पास वो काफी हैं क्योंकि जितना हमें नसीब हुआ हैं किसी की को पूरी जिंदगी निकल जाने पर भी उतना नहीं मिलता ..।।
13/30 चेहरा हर इंसान का एक है चेहरा राज़ है इनमें काफी गहरा इस चेहरे के रूप अनेक छुपे हैं जिनमें भेद अनेक खुलके भीतर जाता कौन नदिया ये है गहरी-सी भीतर गोते इसमें खाता कौन जिसने देखा बाहर देखा सादगी इसकी समझ न आई इसको छल समझाये कौन इसके अंदर अब झाँके कौन इस चेहरे को अब पढ़ता कौन सबको मिलता मुस्काता-सा अब इसके दुखड़े समझे कौन इसीलिए अब ये रहता मौन।
पहले पति का थप्पड़, घूसा, लात, दुत्कार, डाँट वाला प्रेम मिला है उसे और अब पति के बाद पति के इस प्रेम की कमी को उसका बड़ा लड़का पूरा करता है पुत्र पति की छाप है हाय रे.!! भागो वाली सबकुछ सहती चुपचाप है...