सुन जिंदगी ..जीने के लिए यहाँ कौन सर खपाए , रोए -हंसे- जीए- गाए ...
इससे आसान रास्ता चुन लिया , तेरी हाँ में हाँ तेरी ना में ना कहना सीख लिया।
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Suman Swamini
(स्वामिनी,)
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बात अधूरी है...
विश्वास का सूरज
द्वीधारा
शुभारंभ ,
गजले इक्कीसवी सदी की ,
पहचान एक प्रयास,
म... read more
विश्वास का सूरज
द्वीधारा
शुभारंभ ,
गजले इक्कीसवी सदी की ,
पहचान एक प्रयास,
म... read more
Joined 28 December 2018
20 APR AT 15:11
13 APR AT 21:21
एक तेरी तस्वीर है जो मिटा देती है फासलें सारे ।
वर्ना.......
हम जितना करीब आए, तुझसे फासलें उतने पाए ।-
6 MAR AT 11:53
अपनी प्रतीक्षा पर मिलन का पूर्ण विराम न लगाऊंगा
तुमसे मिलूंगा भी नहीं और दूर भी नहीं जाऊंगा ।-
6 MAR AT 11:51
वो इत्तफ़ाकन एक बार मिला था जिंदगी में,
फिर ...
फिर ....
फिर, इत्तफ़ाक है , बार बार थोड़े ही होता है।
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21 FEB AT 20:24
उम्मीद के बीज बो जाता है कोई बंजर जमीन पर ।
जरूर हार की फसल देखी होगी उसने कहीं पर .-
20 JAN AT 14:04
राधा का रूप लिए , रुक्मिणी सा लिए तन ..।
मीरा का धरा वेश, द्वारिकाधीश को तरसे मन।-
14 JAN AT 14:07
मन पतंग बन उडा है, पूस की हवा ना भाए...
स्नेह डोर बांध मन को बसंती सजन बुलाए।-
26 DEC 2024 AT 13:44
दिल की राह में एक सराय बना लीजिए ..
क्योंकि सफर में कहीं मंजिलें नहीं होती।-
25 DEC 2024 AT 16:59
चिंगारी को पंख मिले है शहर- शहर जा रही ।
इंसा...इंसा नहीं, कागजी पुलिंदा है बता रही।
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