QUOTES ON #दशहरा

#दशहरा quotes

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10 OCT 2021 AT 6:25

विनती
हाथ गंदे जब हुए हमने क्षण में धो लिया
मन जो मैला हो रहा उसका अब करू मैं क्या?
बुद्धि दे ओ मेरी माँ, विनती और करू मैं क्या?
अंबे तुझसे करें दुआ ! हे जगदम्बे करो दया !

सुख के दिन जब रहे हमने खुल के जी लिया
दुःख के बादल छा रहे उसका अब करू मैं क्या?
भक्ति दे ओ मेरी माँ विनती और करू मैं क्या?
अंबे तुझसे करें दुआ ! हे जगदम्बे करो दया !

सूर्य उदित जब तक रहा ऊँचा मस्तक रहा
जो अँधेरा छा रहा उसका अब करू मैं क्या?
शक्ति दे ओ मेरी माँ विनती और करू मैं क्या?
अंबे तुझसे करें दुआ ! हे जगदम्बे करो दया !

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18 OCT 2018 AT 8:48

रावण :

कितनी बार बेरहमी से मरे हुए को जलाओंगे,
अपने भीतर झांकोगे तो एक नहीं अनेक पाओंगे।


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19 OCT 2018 AT 8:52

स्त्री की परिकल्पना सीता है
समाज रूपी लक्ष्मण ने
खींची रेखा है
राम और रावण पर
पुरूषों का अधिकार है
स्त्री को चलना
उसके अनुसार है
मैंने हर पल खुद को
नियंत्रित देखा है
नहीं बन सकी राम और रावण
मेरी आत्मा में सिर्फ सीता है

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19 OCT 2018 AT 8:52

पुतले जलाने से क्या होगा,
बस राख होगी, धुआं होगा..
झांक कर देख अपने गिरेबां में,
रावण तुझसे तो अच्छा होगा..
©drVats

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हमारे समाज मे सीता को नासमझ
सबलोग आज दशहरा मना रहे हैं।
अंदर के रावण को छोड़
आज पुतले जला रहे हैं।
कुछ इस तरह समाज के अधर्मी
आज धर्म निभा रहे हैं।

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15 OCT 2021 AT 11:12

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8 OCT 2019 AT 12:04

मन में छुपे बुराईयों का हो नाश
हर स्त्री को सम्मान मिले,
हर पुरुष में मर्यादा पुरुषोत्तम राम दिखे
बस कुछ ऐसी है इस दशहरे हमारी आश...

***विजयादशमी की ढेर सारी शुभकामनाएं ***

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15 OCT 2021 AT 14:39

हो जायेंगे निष्फल प्रयत्न सभी तुम्हारे,
रुको ज़रा अभी इस रण भूमि में,
कटने को सर धड़ से तुम्हारा अभी बाकी है।
इस धरम,करम भूमि से किया है जो छल तुमने,
उसका मिलना फल तुम्हें अभी बाकी है।
बहुत कर लिए नृशंस पाप तुमने,
रौंदने को तुम्हें सहस्त्र हल अभी बाकी हैं।
तुम्हारे अत्याचार का विनाश करने रावण,
सम्पूर्ण राम दल अभी बाकी है।
हो जायेगा दमन बुराई का भी,
तुम देखते जाओ अब रावण,
अंधकार को चीरकर उजालों में
मनुष्यता का मिलन अब जारी है।

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8 OCT 2019 AT 19:46

कलयुगी रावण मना रहे है ख़ूब जश्न दशहरे के नाम पर
कि अवगत हैं वो यहाँ फ़क़त पुतले जलाये जाते है रावण के नाम पर

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25 OCT 2020 AT 16:44

महिषमर्दिनी हो तुम
शुंभ निशुंभ विदारिणी हो तुम,
सभी संकटों की निवारणी हो तुम
काली हो तुम
रक्तबीज संहारिणी हो तुम
इस जग की कल्याणकर्ता
दुर्गा महारानी हो तुम..

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