जब जब कभी मुझको धोखा मिला
मैं अपने ही ज़ख्मों को धोता मिला
तब जितनी भी तोहमत मुझपर लगीं
मैं उन्हीं में ख़ुद को भी खोता मिला
जिस जिस ने किया मुझको उदास
बस अपने ही सपनों में सोता मिला
जिसने भी कभी मुझे आज़माना चाहा
वो ख़ुद के सवालों पर ही रोता मिला
मोहब्बत से सब हासिल हो जाता है
तब भी हर कोई ज़हर ही बोता मिला
थोड़ा थोड़ा करके खुश़ियाँ भर जायेंगी
पर इन्सान आँसुओं के मोती पोता मिला
इश़्क की ये नहर बनायी थी "आरिफ़" नें
उसको ही बेवफ़ाई का उसमें गोता मिला
"कोरा काग़ज़" बनकर रह गयी ज़िन्दगी
हर अल्फाज़ ही उसको अधूरा होता मिला-
हालात कह रहे हैं मुलाकात नहीं मुमकिन
उम्मीद कह रही है थोड़ा इंतज़ार कर-
थोड़ा सा पास क्या आ गया वो मेरे
उस के साथ ज़िंदगी जीने के सपने देख बैठे ,,-
चलो साथ चलें कहीं दूर,
जहाँ हम तुम और सिर्फ हम तुम ही हो।
फूलों कि खुशबु, सुखे पत्तों कि खनखनाहट हो,
हल्की बारिश, हल्की हवा और बातें दबी दबी सी हो।
कहीं खो ना जाए इसका डर भी ना हो,
कोई कस्बा ना हो, कोई शहर भी ना हो।
एक ऐसी राह, जिसपर सिर्फ चलतें जाए, चलतें जाए,
कन्धे पे सर, हाँथों में हाथ, एक दूजे में पिघलते जाए।
कुछ तुम बोलो कुछ मैं बोलूं, पर आवाज ना आए,
बातें सिर्फ आँखों से हो, असर रोम रोम में हो जाए।
हल्की सांसें भरकर तुम सिर्फ निहारती रहो,
मुझें आईना समझ कर खुद को संवारती रहो।
ये प्यार का सिलसिला बस यूँही चलता रहे,
तुम मुस्कुराती रहो, दिल यूँही संभलता रहे।।-
जरूरी नहीं कि वो तेरी ही कहानी हो
जरूरी नहीं कि वो तेरी ही निशानी हो
थोड़ा बहुत अब जो भी लिख लेता हूँ मैं
जरूरी नहीं कि वो तेरी ही मेहरबानी हो-
थोड़ा मुझको वो ले गयी
थोड़ा खुद को छोड़ गयी
जहाँ जहाँ से टूटा था
वो खुद के टुकड़े जोड़ गयी-
जो थोड़ा इश्क बचा है, उसको भी जला दो तुम,
हम जान से जाएँगे पर तुमको तो करार आएगा
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