कुछ याद आया तो फिर कभी लिखेगें,
फिलहाल तो दिल बैचैन है
तेरी शादी वाली तस्वीर देखकर..
तू तो नहीं मेरी रूह कांप गयी
तुझे किसी और का होते देखकर..!-
मुझे किसी से नफरत करने...
की कोई जरूरत नहीं है
क्योंकि......
दुनिया मेरी मोहब्बत से हारी हुई है..!!!
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हम कुछ ना कह सके उनसे इतने जज्बातों के बाद
हम कुछ ना कह सके उनसे इतने जज्बातों के बाद
हम अजनबी के अजनबी रहे ज़िन्दगी की सारी बातों के बाद
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सफ़र_ए_जिंदगी में
ख़्वाहिशे होती तो बहुत हैं,
पर पूरी हो जाए हर ख़्वाहिश
ये मुमकिन नहीं है।
ख़्वाहिशों के समुंद्र में
गोते हर कोई लगाता है,
पर उन्हें पूरा करने का जज्बा
कोई ही दिखाता है।
उस वक्त ओ बंदे सब्र रखना
कहीं कदम तेरे डगमगा न जाए,
जब तेरी सबसे बड़ी ख़्वाहिश
अधूरी रह जाए।
पूरी हो जाती है
जब ख्वाहिशें-ए-जिंदगी
तो खूबसूरत लगता है
सफर-ए-जिंदगी..!!-
मौत के बाजार में गरीबों का हाल कोई नही पूछता।
भूख प्यास से वो लड़े, मगर मासूम बच्चों का क्या करे।
भूख से बहुत रोते हैं वो,पर आवाज कोई नही सुनता।
ये खुदा तेरी अवाम बहुत बिलखती है,लगता है बंद दरवाजे से वो भी कुछ नही करते।
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सोंचा मैंने आज....
करू तलाशी चुपके से,
उनके कमरे की आज,
आख़िर मुझे भी तो पता चले,
छुपा कर तकलीफों को,
रखते कहा हैं माँ बाप...😊😊-
गिला नही तेरे चले जाने का मुझको
तुम लौट के आ पाते तो अच्छा होता ,
लिखते हुये ख्याल आज भी तुम्हारा ही आता है
मेरे लिखे हुये पर तुम ईरशाद फरमाते तो अच्छा होता ,
तुम्हारे लिखे खत तुम्हारी ही आवाज़ में हर रोज पढ़ता हूँ
उन्हें पढ़ कर तुम मुस्कान बन बिखर जाते तो अच्छा होता ,
गिला नहीं तेरे चले जाने का मुझको
तुम लौट के आ पाते तो अच्छा होता ,
जानते है मज़बूरियों में छोड़ा है तुम ने साथ हमारा
तुम छोड़ कर भी साथ निभा पाते तो अच्छा होता ,
चाहत का वजूद रहकर भूल गया है दिल अब कहीँ
तुम उसे तलाश करा पाते तो अच्छा होता ,
गिला नही तेरे चले जाने का मुझको
तुम लौट के आ पाते तो अच्छा होता ।।-
झूठे वादे, झूठी कसमें, कसमों पर एतबार किया,
रोज बदलते रिश्तों ने ही, रिश्तों का अफ्गार किया।
जिनकी ख़ातिर उम्र हार दी, उन यारों ने वार किया,
सफ़र अभी जाने हैं कितना, बहुत दूर तक पार किया।
सांसे तो लेते हैं लेकीन अर्थी का सिंगार किया,
अपनों में ही हमनें यारो गैरों का दीदार किया!!
@Alfajokifakir-