कौन सो तप कीन्हौं
तुलसा महारानी
जो पायो श्री ठाकुर जी
सो वर दानी
चरणन में रहकै
पायो श्रीहरि उर में स्थान
सालग्राम संग ब्याही तुलसा
हरख हरख गाये
सबरी सखियाँ मंगल गान
सौभाग्य हो वृंदा सौ
मिले जो हरि चरणन में स्थान...!
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वृंदा तुलसी अध दिनौ प्रभु शालीग्राम शीश सुसाज
देवोत्थान एकादशी तुलसी शालीग्राम विवाह आज-
निधिवन शोभायमान पैंजनी राधारानी का श्रृंगार
वृंदावन तुलसी पौध पात कण-कण श्रद्धा अपार
प्रीत की इस रीत की परस्पर कोई न कभी-बाधा
राधारानी बनती कृष्णा तो कभी कान्हा भी राधा-
सांझ हुई कचनार, ज्यूँ नयी नवेली नार,
दीपों से जगमगाया, वृंदा का आंगन द्वार।
चौक चंदन पुरवाया , ईख मंण्डप सजाया,
द्वार बजे है शहनाई , बंट रही मंगल बधाई।
अलौकिक शुभ बेला आज,होंगे सभी पावन काज,
देवगण करते नमन ,तुलसी ने तप से पाया राज ।
केसरी बाना और पाग पे,सुनहरी कलंगी सोहे,
दुल्हा बने हैं सालिगराम,अद्भुत रूप मन मोहे।
पटरानियाँ आतुर हुई ,करने को द्वार मंगलाचार,
हरि सँग तुलसा ब्याही,विदा होकर वृंदावन आई।
गठजोड़ सजा अनोखा, बनी हरिप्रिया महारानी,
बड़भागी तुलसा रानी , घर-घर पूजे वृंदा रानी।-
अभी राह देख रहा हुं में शादी की"
🙄🙄🙄🙄🙄🙄🙄🙄
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एैसे क्या देख रहे हो सब
अरे मेरी नहीं तुलसी की😂😂😂.-
सभी को देव उठनी एकादशी की हार्दिक शुभकामनाये
सबसे सुंदर वह नजारा होगा, दीवारों पर दीयों की माला होगी,
हर आंगन में तुलसी मां विराजेंगी और मां तुलसी का विवाह होगा!
शुभ तुलसी विवाह की हार्दिक शुभकामनाएं।-
हे तुलसी मईया अबकी सुन लेना
तू अरज हम्मारी.............
करूँ श्रृंगार तेरा, गाऊँ गीत मिलन के
करूँ तेरी पूजा पुष्ष, दीप और रोली से
खाली झोली भर दे मेरी खुशियों से
बहुत इंतजार हुआ अब बस मिलवा
दे तू मुझे मेरे हमसफर से...........
लगाऊँ सात फेरे शालिग्राम के साथ
हर फेरे में माँगू मैं अपने साथी का साथ
करूँ विवाह संपन्न तेरा मेरे आराध्य
विष्णु जी के साथ...........
हर बार माँगू मैं तुमसे अपने लिए
बस यही एक उपहार........-
"संकल्पित हो कर करें
पुण्य-प्रदायक काम।
वंचित तुलसी पा सके
सच मे शालिगराम।।"
😊करिए हाथ पीले😊
😊पौधे नहीं कन्या के😊
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पुण्य प्राप्ति के लिए
"तुलसी-विवाह"
सुझाने वालों के युग मे
असहाय कन्याएँ, निर्धन पालक
नहीं रहे होंगे शायद!
अब तो हैं।
🤔रीति वही, नीति नई🤔
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फिजाओं में सर्द शीत लहर को, नाप लो,
छूने की बीमारी है इत्मीनान कर जांच लो।
सिरदर्द, बदनदर्द, नज़ले की हो दस्तक तो,
बन्द कमरे में ओढ़ चादर, थोड़ी भांप लो।
बहने लगे पानी तो तुलसी काढ़ा आप लो।
हो मरम्मत, अंतर्मन लाभ तो धन्यवाद दो।
"जीत" कहे सब सुने, करो घरेलू इलाज।
नही संभले कंठ दुखे, वैद्य को मिज़ाज़ दो।-