बारिश ने फ़ैला दी है जमीं पे मस्तियां,
पेड़ और पौधे भी ख़ुशी से झूम रहे हैं यहां ।
हवाओं में खुशबू बिखेर रही हैं फूल और कलियां,
धूप और बादल भी खेल रहे लुकाछिपी का खेल यहां।
मौसम भी हो गया है यहां मादक और सुहावना,
पी के फूलों का रस इतरा रहे है भवरें और तितलियां।
इंद्रधनुष भी दे रहा है सलामी आसमां में,
बोल रहा है डूब जाओ प्रकृति के आनंद में।।
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