तुम्हारे जिस "हिस्से" को मैं लिख नहीं पाती,
लोग उसे तसल्ली से मुझमें पढ़ते हैं।-
कि मेरे अपनों का साथ है।
उनको मुझ पर विश्वास है।
और क्या चाहिए मुझे मेरे लिए यही बहुत बड़ी बात है।-
Aankho se behate moti,,
Khushi ka bahana banega...
Tasalee hai,,
Hai koi khuda Jise jamana chalega...-
,सुकून है।
किसी का ना होना भी,
अपने आप में एक जुनून है।
क्या जरूरत फिर से किसी का होने की,
इंसानो की रगो में आज भी गंदा खुन है।-
अकेले ही लड़नी होती है
ज़िन्दगी की लड़ाई,
क्योंकि लोग सिर्फ तस्सली देते है
साथ नहीं...।-
Shayad sucha pyar toh abh shuru hoga,
Alagh hoke ek dusre ka khayal abh shuru hoga.
Shirkat karo kisi shyam apne wahem ke kirdar se, Janab
Fursat se liya wo khawab 'tang' hona abh shuru hoga.-
छोड़ दिया तूने सारांश को
पहले अपना बना के
कितनी तसल्ली मिली तुझे
धीरे धीरे तड़पा के-
खुदी को है बार बार तसल्ली, बदली आदतों की मानिंद,
ये अकेलापन भर देगा कभी मन मेरा भी ।।-