वो ना मेरे झूमके पर फिदा है, ना आँखों के काजल पर..,
कुछ तो बात होगी जो दिल आ गया मुझ जैसी पागल पर!!
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मैं भी तेरी ,
मेरी हर सांस भी तेरी ,
मेरा दिल भी तेरा,
मेरी रुह भी तेरी ,
फिर जलता क्यूँ है
बावले ? इस
झुमके की चाल से |
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तुझे देखे बिना एक अरसा हुआ है...
अर्ज़ करता हूँ,
ज़रा गौर फ़रमाएगा...
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तुझे देखे बिना एक अरसा हुआ है...
जाने किस बात पे रात को चर्चा हुआ है...
गली में जैसे चाँद भी,
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गली में जैसे चाँद भी...
दिन को मुश्कुरा रहा हो..
जैसे आपको यहाँ आया देख,
हर झुमका अपनी लचक दिखा रहा हो!!!-
अभी तो उनका "झुमकों" से,
क़त्लेआम शुरू ही हुआ था ग़ालिब,
'की वो जाना',
'आँखों' में "काज़ल" लगा बैठें
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इस झूमके की शोर से ,
कितनो का दिल धकड़ता हैं,,
जब भी गुजरती हूँ गली से,,
मुझे देखने के लिए सब का ,,
मन मचलता हैं ।।
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सुनों दिल कैसे कह दूँ कि वो मुझसे जुदा है ....
कि बन के झुमका वो हर पल मेरे रूख को चूमता है !-
तुम कहाँ खो जाओगी, दुनियाँ की इस भीड़ में,
मैं दुनियाँ के हर कोने से तुम्हें ढूंढ कर ले आऊंगा,
जो झूमका गिरा था कभी, बरेली के बाजार में,
तुम कहो , तो मैं उसे भी ढूंढ कर ले आऊंगा,-
लहराके जो झूमते हो,
ख़ता तुम भी कम न करते हो...
मौका परस्त सा खेल सारा,
आते जाते रुख़सार चूमते हो...-
// उसके झूमके //
शरारत करना भी जानते है
तहज़ीब भी सिखाते है,
उसके झूमके न जाने कितने
सलीके से मुझे उसका,
दिवाना बनाते हैं |
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वो कानों में
लटके
झूमके देख...
उनका
वजन उठाना
चाहती हैं।
.....................
मिट्टी से सने हुए
अपने बालों
को....
संवारना
चाहती हैं।
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