Your name is enough, to live my entire life,Why to run behind wealth,happiness and calmness. -
Your name is enough, to live my entire life,Why to run behind wealth,happiness and calmness.
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दूरियाँ तो पहले भी थी दरमियाँ,मग़र ग़ालिब,इक़ दर्द का बहाना लेकर, तुमनें,मरहम को इतना क्यूँ कोसा...!! -
दूरियाँ तो पहले भी थी दरमियाँ,मग़र ग़ालिब,इक़ दर्द का बहाना लेकर, तुमनें,मरहम को इतना क्यूँ कोसा...!!
"सहारा बनने को तो 'शराब' साथ है, ग़ालिब,एक तेरी कमी ही तो 'सावन' है,बाकी तो सब 'बरसात' है" -
"सहारा बनने को तो 'शराब' साथ है, ग़ालिब,एक तेरी कमी ही तो 'सावन' है,बाकी तो सब 'बरसात' है"
"कुछ ख़ास लगाव हो गया हैं,तुमसे 'गोझिया मिश्रा', सुना है जबसे 'गुलाल साहब' ने, हमारे इश्क़ के बारे में,गुस्से में लाल होकर वो, 'पापड़ चंद' के यहाँ बैठा हैं, और यहाँमैं भाँग के नशे में टूल्ल होकरघर घर होली की, 'सुभकामनाएँ' बाटने निकल रहा हूँ" -
"कुछ ख़ास लगाव हो गया हैं,तुमसे 'गोझिया मिश्रा', सुना है जबसे 'गुलाल साहब' ने, हमारे इश्क़ के बारे में,गुस्से में लाल होकर वो, 'पापड़ चंद' के यहाँ बैठा हैं, और यहाँमैं भाँग के नशे में टूल्ल होकरघर घर होली की, 'सुभकामनाएँ' बाटने निकल रहा हूँ"
कोरा कागज़ भी कह देगा,तेरे बेगुनाही की दास्तां, ग़ालिब,जब भी तेरे दामन पे दाग़,बेवफ़ाई का होगा... -
कोरा कागज़ भी कह देगा,तेरे बेगुनाही की दास्तां, ग़ालिब,जब भी तेरे दामन पे दाग़,बेवफ़ाई का होगा...
किस लिफ़ाफ़े में उनको,अपना दिल रख के भेजूँ, ग़ालिब,सुना है मेरी बातों पर उनको,अब ऐतबार ना रहा.. -
किस लिफ़ाफ़े में उनको,अपना दिल रख के भेजूँ, ग़ालिब,सुना है मेरी बातों पर उनको,अब ऐतबार ना रहा..
अभी तो उनका "झुमकों" से, क़त्लेआम शुरू ही हुआ था ग़ालिब, 'की वो जाना','आँखों' में "काज़ल" लगा बैठें -
अभी तो उनका "झुमकों" से, क़त्लेआम शुरू ही हुआ था ग़ालिब, 'की वो जाना','आँखों' में "काज़ल" लगा बैठें
----आब-ए-तल्ख़----यूँ तो 'तोहमतों' से इतना, हम टूटते नहीं ग़ालिब,ग़र ये 'शरर' 'आशना' से ना होता, हम ख़ुद से इतना रुठते नही ग़ालिब... -
----आब-ए-तल्ख़----यूँ तो 'तोहमतों' से इतना, हम टूटते नहीं ग़ालिब,ग़र ये 'शरर' 'आशना' से ना होता, हम ख़ुद से इतना रुठते नही ग़ालिब...
💕सुना है मेरी गुम हुईं नोटबुक,अब तुम्हारे पास हैं,तो जरा पूछो इनके पन्नो से,क्यूँ इनके लिए तू ख़ास हैं💕 -
💕सुना है मेरी गुम हुईं नोटबुक,अब तुम्हारे पास हैं,तो जरा पूछो इनके पन्नो से,क्यूँ इनके लिए तू ख़ास हैं💕
तन्हाइयों का दौर भी क्या ख़ूब निराला है, ग़ालिब,दिल छुपाकर हर रोज ये मुझसे सवालों से मिलती है -
तन्हाइयों का दौर भी क्या ख़ूब निराला है, ग़ालिब,दिल छुपाकर हर रोज ये मुझसे सवालों से मिलती है