इंसान मैं भी बुरा नही हूं,
खोट ये है झुकता नही हूं.-
सब कुछ हो कर भी अधूरा सा लगता है..
जाने किस बात की कमी है...।
अब तो वक्त भी तेरे सामने झुकता है..
फिर किस बात की कमी है...।
तेरे सिहरा में बेशुमार दौलत लुटता है...
तुझे किस बात की कमी है...।
तेरे लम्स से कोई निखर जाता है..
कहो किस बात की कमी है...।
नफरत भी तेरे दर पर ही मिटता है..
बता किस बात की कमी है...।
मेरी ज़िंदगी का अब तुझे वास्ता है..
बता किस बात की कमी है...।-
"ऊँचा उठने के लिए पंखों की
ज़रुरत केवल पक्षियों को ही
पड़ती है.....
मनुष्य तो जीतना विनम्रता से
झुकता है उतना ही ऊपर
उठता है"-
प्रेम में कोई छोटा या बड़ा नही होता
न ही मान अपमान होता है,इसमें
जो जितना झुकता है
उतना ही उँचा स्थान पाता है..-
खटकता तो उनको जिनके
सामने में झुकता नही ।
बाकी जिनको अच्छा
लगता हूँ
वो मुझे कभी झुकने
नही देते ।।
।। तू ही तू ।।-
वो आके कुछ इस क़द्र तबाह कर गया है देखो मुझे.
सब ठीक है बस सांसे कम, धड़कने अब ये तेज है।-