अचानक से एक जिम्मेदारी आई है कंधों पर
जिसे निभाना जरूरी हो रहा है
सब कुछ संभालने की पूरी कोशिश है मेरी
लेकिन कुछ अधूरा लग रहा है
बीमार सब हैं घर में बस मुझे और पापा को छोड़कर
मां तेरी तरह सबका ख्याल रखना
थोड़ा मुश्किल लग रहा है
मां तू कहती है की मैं तेरी बहादुर बेटी हूं
मैं सब कुछ संभाल लूंगी
लेकिन इस घर में तेरी जगह लेना
थोड़ा मुश्किल लग रहा है
सब कुछ संभालने की पूरी कोशिश है मेरी
लेकिन कुछ अधूरा लग रहा है-
ज़िन्दगी वक्त से पहले उम्र के तजुर्बे दे जाती है
बालों की रंगत ना देखिए जिम्मेदारी बचपन ले जाती है-
अरे कैसा प्यार,
कैसा इश्क,
और कैसी मोहब्बत..
जिम्मेदारियों के बोझ तले सपने तक देखना छोड़ दिये हमने..😞-
बेफिक्र डटे रहते हैं.... आधी रात को भी..
हमारी जिम्मेदारियों का कभी सूर्यास्त नहीं होता !!-
बढ़ती जिन्दगी ने इतना समझदार बना दिया ,
आज बेफिक्री वाली हंसी को ही भुला दिया,-
घर में आटा नहीं, भाई बेचारा भूखा है
तसवीर क्या लेते हो साहिब, वक़्त इनसे रूठा है-
क्या हुआ गर कपड़ों से गुर्बत दिखती है।
चेहरे की रंगत से मगर सदाकत झलकती है।-
जीवन में उत्तरदायित्व ही एकमात्र ऐसा प्रतिद्वंदी है,
जिसके समक्ष अमूमन हमारे सपने भी हार जाते हैं।-
घर की जिम्मेदारी है,
बिखरते हुए सपने है,
टूटा हुआ दिल है...
रंग बदलते हुए अपने हैं,
रातों को नींद नहीं आती,
आगे क्या होगा...
कोई राह नजर नहीं आती,
लेकिन फिर भी उम्मीद है
कोई बात नहीं...
एक दिन सब ठीक होगा..!-