मूड हुआ हैं, आज मेरा... कि इस जहाँ का कर दूं बटवारा..
......भर कर तुझे अपनी बाहों में, जमाने को दे दूं ये जहाँ सारा..!!
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कोई नही पूछता अपने मतलब के अलावा किसी को,
मैंने देखा है सूखे पेड़ो पर परिन्दे भी बसेरा नही करते!-
सितारों से भी
आगे का
जहां घूमकर
आई हूं....
आज मैं
अपने
सपनों का
गुलिस्तां
घूमकर
आयी हूं !!-
बिना इजाजत न जनम लेती हैं बेटियां
बिना इजाजत न सुकून से जीती हैं बेतिया
अपनी खुशी के लिए दूसरों की मोहताज हैं ये बेटियां
क्यों जमाने के तानो की हकदार है ये बेटियां
नई जिंदगी को जन्म देती है बेटियां
फिर क्यों बिना इजाजत न जन्म लेती हैं बेटियां
दो परिवारों के सुकून की चाहत पूरी करती हैं बेटियां
फिर क्यों खुद सुकून से नही जीती ये बेटियां
अपनो के करीब कोई गम नही आने देती हैं बेटियां
फिर क्यों अपनी खुशी के लिए दूसरों की मोहताज हैं ये बेटियां
एक नए बारिश को जन्म देती हैं बेटियां
फिर क्यों खुद बारिश नही कहलाती ये बेटियां
नई पीढ़ी को लायक़ बनाकर भी क्यों किसी लायक नही समझी जगी ये बेटियां
अपना सब कुछ न्यौछावर करके भी क्यों सक के दायरे में रहती हैं बेटियां
जिसके लिए अपना सब कुछ त्यागती हैं
क्यों उसी के द्वारा सताई जाती हैं बेटियां
कभी अपनी रूह से पूछना क्या मुमकिन हैं तुम्हारा जीवन बिना बेटियां
कहने को तो बेटा बेटी एक समान पर आज भी कई जगहों पर प्रताड़ित की जाती हैं बेटियां
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माँ ...♥
तुझसे दूर हुई, तो मालूम हुआ है
माँ तेरे बिन कहाँ कोइ मेरा रहा है!
एक तेरे आँचल के सिवा
वो सुकूँ की छाँव, भला मुझे किसने दिया है!
कहने को तो भीड़-सा है पूरा ज़माना
पर माँ तुझसे ज्यादा यहाँ
मुझे कौन समझ सका है!-
इन फिजाओं में,
जन्नत जहां बस्ता है,
तुम मिले,
जन्नते नूर हो गया,
कुछ आज यूं ही,
कायनात मजबूर हो गया।-
भर जाती है महफ़िल जहाँ-भर के लोगों से
तुम ना आओ सच कहूँ तकमील नहीं होती-
चल वहीं ; ऐ दिल , जहाँ हमसफर है मेरा
ये अजनबी रास्ते , वो आखिरी सफर है तेरा-
ज़िंदगी के मायने बदल दिए थे उसने
ये कहकर कि मेरा जहाँ तुम ही हो ।-
इस जहाँ में अपना जहाँ ढूँढता हूँ
आज भी मैं तुझको ओ माँ ढूँढता हूँ-