Sakshi Shukla  
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बढ़ी चुल्ल मची हैं दूसरो का bio पढ़ने की ......????????.🙄🙄🙄.
Joined 22 December 2019


बढ़ी चुल्ल मची हैं दूसरो का bio पढ़ने की ......????????.🙄🙄🙄.
Joined 22 December 2019
29 DEC 2021 AT 9:18

क्यू थम जाए, मंज़िल अभी दूर हैं।

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11 NOV 2021 AT 22:16

यहाँ तो हर कोई अधूरी ख्वाहिशो से घिरा हैं।

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11 AUG 2021 AT 15:09

आत्मा का
परमात्मा से मिलन।

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28 JUL 2021 AT 19:36

जब ज़ुबान पे पावंदी लग जाती हैं
तो बिना अल्फाज़ो के सब कुछ बया कर जाती हैं।

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2 JUL 2021 AT 15:25

उन राहों में

जहाँ तेरी यादों के किस्से हैं।

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29 APR 2021 AT 19:40

नज़र में शोखियां लब पर मोहब्बत का तराना हैं,
लगता हैं इस ज़िन्दगी का सफ़र तेरे इंतेज़ार में ही बिताना हैं।

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20 APR 2021 AT 11:50

तन्हाई दरमियाँ होने पर भी अपना ही फ़ायदा हैं,

अनकहे जज्बातों के मोतियों को शब्दों के धागे में पिरोने का मौक़ा जो मिल जाता हैं।

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12 MAR 2021 AT 10:07

जिंदगी की मशरूफियत में रूबरू ना होना तो जायज़ हैं,

मग़र रिश्ता- ए-दोस्ती में दरमियाँ गुफ़्तगू भी ना हो ये तो नाजायज हैं।

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14 DEC 2020 AT 17:50

हम

मिट्टी के तेल वाला परफ़्यूम लगा कर क्यों आए तुम,
ख़ुदा ने बचा लिया जो गन्ध से मरे नहीँ हम।

🙄🙄🤷🤷😂😂😋😋

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11 DEC 2020 AT 14:05

दौर-ए-मोहब्बत तो जारी रहता हैं,
मग़र एहसाह-ए-इश्क़ फीका ना पड़े इसलिए महबूब बदलता रहता हैं।

🤷🤷😅😅

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