क्यू थम जाए, मंज़िल अभी दूर हैं।
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Sakshi Shukla
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बढ़ी चुल्ल मची हैं दूसरो का bio पढ़ने की ......????????.🙄🙄🙄.
Joined 22 December 2019
28 JUL 2021 AT 19:36
जब ज़ुबान पे पावंदी लग जाती हैं
तो बिना अल्फाज़ो के सब कुछ बया कर जाती हैं।-
29 APR 2021 AT 19:40
नज़र में शोखियां लब पर मोहब्बत का तराना हैं,
लगता हैं इस ज़िन्दगी का सफ़र तेरे इंतेज़ार में ही बिताना हैं।
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20 APR 2021 AT 11:50
तन्हाई दरमियाँ होने पर भी अपना ही फ़ायदा हैं,
अनकहे जज्बातों के मोतियों को शब्दों के धागे में पिरोने का मौक़ा जो मिल जाता हैं।-
12 MAR 2021 AT 10:07
जिंदगी की मशरूफियत में रूबरू ना होना तो जायज़ हैं,
मग़र रिश्ता- ए-दोस्ती में दरमियाँ गुफ़्तगू भी ना हो ये तो नाजायज हैं।-
14 DEC 2020 AT 17:50
हम
मिट्टी के तेल वाला परफ़्यूम लगा कर क्यों आए तुम,
ख़ुदा ने बचा लिया जो गन्ध से मरे नहीँ हम।
🙄🙄🤷🤷😂😂😋😋-
11 DEC 2020 AT 14:05
दौर-ए-मोहब्बत तो जारी रहता हैं,
मग़र एहसाह-ए-इश्क़ फीका ना पड़े इसलिए महबूब बदलता रहता हैं।
🤷🤷😅😅-