जरुरी नहीं ज़रुरत पे तुझे याद करूं
ख्वाहिश है जब चाहूं तब बात करूं-
जरूरी तो नही
हर बार उनकी बात को सही
और हर बार मैं ही गलत हूं
ये जरूरी तो नहीं......
किसी की खामोशी की वजह
उसी की गलती या कमजोरी हो
ये जरूरी तो नहीं........
किसी की बातें इतनी चुभी है
कि फिर से उनसे बात करू
ये जरूरी तो नहीं.......!
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आखिर इतना क्या जरुरी है शादी करना??
ये प्रश्न सुनते ही मम्मी द्वारा चार वेद छ: शास्त्र अट्ठारह पुराण सहित सैकड़ो उपन्यासों का ज्ञान एक ही बार में सुनने को मिल जाता है
लगता जीवन में बस शादी ही सबकुछ है
इसके बिन जिंदगी जिंदगी ही नही😒😒-
बस एक चाह होना जरूरी, तो राह मिलेगी जरूर,
हालातों से समझोता करना नहीं,
लड़ते रहोगे तो मंजिल मिलेगी जरूर
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ई जरूरी त नईखे
ई जरूरी त नईखे कि सब कुछ हमरा पास हो,
गाड़ी, छकड़ा और मकान, बड़का हमरा साथ हो,
देखी जब बाहर के दुनिया लागे केतना आकाज
बा, खाये के ना रोटी एको , देहिया पे ना लत्ता बा,
जीएले आपन जिनगी खुशिया लेके अपना साथ,
अरजी बा, सुन हे ठाकुर, दे द बस एतना आशीर्वाद
जेतना बा ओतने में खुश रहीं, लेके सभे कुटुम्ब
के साथ.
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हम दोस्त ही ठीक थे,
ये जान कहना जरुरी था क्या?
तुम समझा भी तो सकते थे,
यूं हर बार डांटना जरुरी था क्या?
तुम इज्जत भी तो कर सकते थे,
यूं हर बार हक़ जताना जरुरी था क्या?
तुम मना भी तो सकते थे,
यूं हर बार रुलाना जरुरी था क्या?
हां मजबुर थे उस क्षण हम,
यूं हर एहसान गिनाना जरुरी था क्या?
टूट कर चाहे थे हम तुम्हे,
तेरा यूं दिल तोड़ कर जाना जरूरी था क्या?-