जरुरी नहीं ज़रुरत पे तुझे याद करूं
ख्वाहिश है जब चाहूं तब बात करूं-
रहता था जिसके लिए अकेला
इस दुनिया में उसने मुझे छोड़ दिया
बिच मजधार में ही में दिल मेरा तोड़ दिया 💔💔-
भरें हो पेट तो हो-ह्ल्लें का नुकसान लगाया जाता है,
भीड़ में दिखता वो मलंग तो दो निवालों को जाता है ।।
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जहां जरुरत थी मुझे लड़ने की
वहां भी चुप सहता रहा हूं।
कमज़ोर नहीं हूं मैं लेकिन फिर भी
खामोश होकर सब देख रहा हूं।-
वे बेखौफ भूखे वहां से चले आ रहे हैं
जहां कभी पेट भरने की उम्मीद से गए थे-
चाहत का सफ़र ज़रूरत पे आकर खत्म हो जाता हैं
मोहब्बत का सफर मजबूरी में खत्म हो जाता हैं ।।
जब ये सब खत्म ही होना हैं तो शुरू क्यों होता हैं
जिंदगी के सफर में तन्हा हैं तो हमसफ़र क्या होता हैं ।।
हर दर्द में खुद ही संभलना हैं तो हमदर्द क्या होता हैं
हाथ थाम छोड़ना ही हैं तो झूठें वादें क्यों निभाता हैं ।।
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तुमने ये केहकर छोड़ दिया मुझे,"तुम्हे मुझसे अच्छा कोई और मिल जायेगा!
ये क्यों नहीं समझते तुम जरुरत तेरे प्यार की हैं किसी और की नहीं!!-
इस दौर में इश्क़, इश्क़ नहीं जरूरत है
मुझे नहीं लगता किसी को किसी से मोहब्बत है
गर सच्ची मोहब्बत किसी के किस्मत में है
तो उसके लिए ये दुनियां ही जन्नत है।-
तेरी जिंदगी में
मेरी अब कोई जरुरत नहीं है
मैं हो गया हूँ पुराने कैलेंडर सा।-
करना है प्रेम तो प्रेम ही करो ना
वक्त बेवक्त क्यों सवाल करते हो-