क्या...माफ़ कर दूँ ?
हाँ कर दूंगी
गर वो मेरा अनमोल पल लौटा दो
मेरा चैन,मेरा सुकून,मेरी नींद
वो बीता हुआ कल लौटा दो
क्या तुम्हे एहसास है
कि मैने क्या खोया है
और अगर है भी तो तुम्हे देने के लिए
कुछ भी मेरे पास नहीं
माना तुम सबकुछ न्यौछावर कर दोगे मुझपर
मगर तुमसे अब ऐसी कोई उम्मीद या आस नहीं
प्यासे को पानी चाहिए होता है साहब
दूध से बुझती कभी प्यास नहीं
जब जरूरत थी तब कहाँ थे तुम
अब तुम्हारा आना आता मुझे रास नहीं ।
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