जय भीम जय भारत
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समाज में अनपढ़ लोग हैं,
यह हमारे समाज की समस्या नहीं हैं,
लेकिन जब समाज के पढ़े-लिखे लोग भी गलत बातों का समर्थन करने लगते हैं,
और गलत को सही दिखाने के लिए अपनी बुद्धि का उपयोग करते हैं, यही हमारे समाज की समस्या है।
-भारत रत्न डॉ. बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर-
पाखण्ड,अन्धकार से एक सूरज बाबा कल निकला था।
संविधान की रचना कर देश में आडंबर से कानून बनाया था।।-
मिला सबको , हक समान ,
जय गणतंत्र ,जय संविधान ।
भले अलग अलग भेष है ,
मगर एक हमारा देश है ,
हम सबसे पहले इंसान हैं ,
हम ना हिन्दू हैं ,ना मुसलमान ।
जय गणतंत्र....जय संविधान
जो भी दिया ,संविधान ने दिया ,
हमें तो वजूद भी ,संविधान ने दिया ,
सब हक , आदमी के बराबर दिया ,
हर औरत की यही वज़ह ए मुस्कान ,
जय गणतंत्र..... जय संविधान
ये नहीं होता ,तो सोचो क्या होता ,
क्या ख़ुदा इतना , मेहरबां होता ,
शान से जयभीम जय भारत कहेंगे ,
मिटने ना देंगे कभी , है इसमें हमारी जान ।
जय गणतंत्र ..........जय संविधान-
हर दिवस हर घटना याद है पर बाबा साहब को भूल गए
माना दलितों के साथ थे वो
पर देश को संविधान तो देकर गए
हर दिन उनको याद है पर "आज" का दिन वो भूल गए
संविधान को कॉपी कहने वालों ,पूछती हूँ मैं
क्या असली संविधान तुम्हारे दादा लिख के गए?
हर दिन उनको याद है पर "आज"का दिन वो भूल गए
दलितों के साथ अन्याय को वो रेत-सा मिटाकर गए
मिल सके सम्मान हमें भी,हमारे लिए भी वो लिख कर गए
हर दिन उनको याद है पर "आज" का दिन वो भूल गए
बाकी का तो पता नहीं ,हमें न्याय वही दिलाकर गए
जो हुआ साथ उनके, न हो वो दोबारा
इसलिए हमें हक दिलाकर गए
हर दिन उनको याद है पर "आज" को वो भूल गए
हर दिवस हर घटना याद है पर बाबा साहब को भूल गए
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बाबा साहेब अंबेडकर जी को पढ़ना
एक अलग दुनिया में प्रवेश करना है
पेरी एंडरसन.. 🖊️
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"मेरे नाम की जय-जयकार करने से अच्छा है, मेरे बताए हुए रास्ते पर चलें।" ~ डॉ. भीम राव अम्बेडकर
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मेरा मोबाईल भी , जय भीम का दीवाना है ।
जय लिखते ही भीम आ जाता है।-