मैं शब्द, तुम अर्थ ,
तुम बिन, मैं व्यर्थ l
❤️-
उन्मान कुछ भी दो..!!
जिस रूख से पड़ोगे..
मुझे जान जाओगे..!!!
..........…... read more
मैं बदतमीज हूं तो जग जाहिर हैं बदतमीजियां मेरी,
तुम अगर हो शरीफ तो शराफत के निशां दिखाओ।-
*"नए सफर की नई दौड़ पर निकल गया ll
मुकाम पीछे कई छोड़ कर निकल गया ll"
🙏🙏आख़िरी दौड़ हार गए मिल्खा.....RIP*-
मैं कभी भी तौर तरीके या अनुशासन से जीवन नहीं जिया, हालांकि कई दफा कोशिश की खुद को सरल, सौम्य बनाने की पर कभी बन नहीं पाया। मुझे हमेशा से बेफिक्री ही रास आई परन्तु अब ज्यों ज्यों जीवन की कठिनाइयों से बाफिक होते जा रहा हूं,तो एहसास हो रहा है कि जीवन में अनुशासित होना बेहद आवश्यक है। ✌
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तेरे एक इशारे पर घर-बार छोड़ दें,
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दीवाने हैं जरूर मगर इस कदर नहीं..
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"कागज की चंद कश्तियों के सहारे पार हो गया ll
अब हल्के फुल्के बचपन पर बहुत भार हो गया ll
किनारे की तलाश में गर्त में समाए जा रही उम्र,
किनारे से गर्त का पथ, जीवन का सार हो गया ll"-
"लोग अपनों से ही कलह करते हैं ll
हम दुश्मनों से भी सुलह करते हैं ll"-
तुम किसी और की हो जाओ,
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ना जाने मुझे कितना वक़्त लगे नौकरी मिलने में....
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फंसाने की साजिश अच्छी थी, मगर वो नाकाम हो गए
हम को बदनाम करने चले थे खुद ही बदनाम हो गए-