खुली नज़रों के सामने ही दिल्ली चली गई
आँखें मूँद कबूतर बोला, बिल्ली चली गई।
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मातृभूमि की वंदना, किए सदा ही आप।
मातृभूमि पर मिट गए, महाराणा प्रताप।।-
नीले गगन में ये तिरंगा, यूहीं अविरल सदा लहराएगा ,
मां भारती के आंचल को कोई दुश्मन, छू तलक ना पाएगा,
रक्त की अंतिम बूंद एवम् अपनी अनंतिम स्वास तक, ये हिन्द है महफूज़, महफूज़ ही कहलाएगा।
वीरों की पावन इस धरा को कलम करती है नमन,
बात होगी जब वीरता की, शौर्य की,और तेरे बलिदान की,
भारत तो क्या यह समूचा विश्व तुझको , नित नित शीश झुकाएगा ... नित नित शीश झुकाएगा।।🙏🇮🇳 विष्णु द्विवेदी🇮🇳-
क्या माँ से प्रेम करना,
किसी ने तुमको सिखलाया..?
क्या परिवार के लिए लड़ना,
किसी ने तुमको बतलाया..?
फिर कैसे तुम अपनी धरा को,
बार बार भुल जाते हो..?
कैसे उसके आत्मसम्मान को,
ताक पर रख जाते हो..?
मत भूलो ये बात..!
जिस माँ को तुम पूजते हो..!
सम्पूर्ण धरा,
माता है उस माँ कि भी ये..!
फिर क्यों इसके स्वाभिमान से,
समझौता तुम कर जाते हो..?
जो बचपन में एक स्वर में,
गान इसके ही गाये हो..!
चीख-चीख कर जिसकी,
सौगन्ध बार-बार खाये हो..!
पुकारा है तुमने बार बार,
भारत माता की जय हो..!
फिर कैसे गौरव माँ का,
ताक पर रख आये हो..?
जो मातृत्व अब भी न उभरा,
तो कैसे पुत हो तुम....?
जब माँ के लिए न जी पाये,
औरों के लिए क्या करोगे तुम..!
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तेरी ही संतान हैं हम माता
एक इच्छा मन में यही
अवसर हो चढ़ने का पुण्य वेदी पर
शीश ही शीश हो बस, मोल नहीं !
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Soldier's Life 🇮🇳💓🌹🙏
#तुम हो तो होगा, #नामोनिशां हमारा,,🙏
#महफूज है हम, कि तुम हो
#आसमाँ हमारा...!🇮🇳
सबको #नसीब नहीं होता
#चट्टानी हौंसले,💪🏻💓
#फौलादी सीना,,
सरहद के ऐ #पासवां तुम्हें
शत-शत #नमन हमारा...!🇮🇳🚩
#जय_हिन्द 🇮🇳
#जय_माँ_भारती
#Sniper 🇮🇳
#Mr_MuRari ✍🏻🌹-
वो जान नौछावर कर चले,
प्राणतज चले,माँ भारती की खातिर,
हँसते-हँसते शहीद हो गये,
एक जीवन ऐसा मैं भी जियूँ- मरूँ,
एक जन्म माँ तेरे लिए लूँ।-
इंसान का "पतन" उस समय "शुरू" हो जाता है,,जब अपने "स्वार्थ" के लिए वह "अपनों" को "नीचा" दिखाने के लिए दुसरो की "बातों" में आकर अपनी "आंखों" पर पट्टी "बांध" लेता है,, और रिश्ते को "तार तार" कर लेता है,,
जय "श्री राम" वंदे "गौ" मातरम्
जय " मां" भवानी जय हिन्द
नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमे 🙏🏻🙏🏻
सुप्रभातम् 🙏🏻🙇🙏🏻
भगवा संयम सेवक संघ
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आज महफिल सजी होगी अंबर में उन शहीदों की
जिसने अपनी जान देकर इस तिरंगे को फहराया है,,
उन भारत मां के वीर सपूतों ने बखूबी अपना फर्ज निभाया है,
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आओ अब हम भी थोड़ा योगदान करें,
देश को सर्वोपरि रख उन बलिदानीयों का सम्मान करें,,
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जात-पात और राजनीति के चक्कर में हमने उन्हें बहुत ठेंस पहुंचाया हैं,
बस करो अब ये जुमलेबाजी, इससे ना जाने कितनों का दिल दुखाया है,
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इंकलाब की बोली बोलो जय हिंद का नारा घोष करो,
देशभक्ती के रस में खुद को तुम विभोर करो।।
_Kaushik
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