सोचता हूँ जिंदगी में, इतनी बेबसी क्यूँ है,
शायद तेरी निगाहों में फूल नहीँ, काँटे नजर आए हैं,,!!-
जानता हूँ सारी उम्मीदें, तुमसे है जिंदगी,
डूबने का गम भी नहीं है, सबकुछ ले गई है तेरी यादें,,!!
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जिंदगी मैंने पाया है,अंधेरों में तुझे उजाले की तरह,
तुझे सुनता हूँ दिल से, तन्हाईयों में,श्लोकों की तरह,,!!-
हर घड़ी मेरे सामने, तुम हो और तेरी यादें,
जिंदगी तेरे इंतज़ार में, भरीं रहती है मेरी आँखें,,!!
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मेरी करीब आकर, दूर क्यूँ जा रहे हो,
जिंदगी तू मेरा नसीब हो, ऐसे कहाँ छोड़े जा रहे हो,,!!-
#रक्षाबंधन के पावन पुनीत अवसर पर,
धरती माँ का, चंदा मामा से मिलन हुआ !!
अद्भुत मिसाल है, भाई-बहन के स्नेही संबंधों का,
आज सच में माँ की लोरी का, हृदयस्पर्शी दर्शन हुआ !!
चंद्रपथ से अब आगे हमें, सूर्यपथ की ओर जाना है,
आज हमें जैसे लगता है, सारी दुनियाँ हिंदुस्थान हुआ!!
गीता वेद पुराण रामायण उपनिषद हैं, मानवता के सार,
वसुदेव कुटुंबकम् के नारों संग, सफल मेरा चंद्रयान हुआ !!
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आज हम माँ की लोरी सुनेंगे, चंदा मामा से,
दुनियाँ को भी गीता का पाठ पढ़ायेंगे, अपने श्यामा से,,!!-
जिंदगी हम तेरे महफिल के, काबिल नहीं हैं,
तेरी जुदाई ऐसी है, उजाले मुझमें शामिल नहीं है,,!!-
जिंदगी तेरे हर फैसले में, हम शामिल हैं,
जाने क्यूँ कोई, मेरे खुशिओं का कातिल है,,!!-