Vishnu Dwivedi   (Vishnu Dwivedi)
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Educator at CSJMU KANPUR
Joined 29 July 2020


Educator at CSJMU KANPUR
Joined 29 July 2020
9 JUN 2023 AT 21:13

ये मुफलिसी, मासूमियत और तेरी लाचारगी,
भूखा पेट,बचपना, थे आँखों में सवालात कई!✍️
विष्णु द्विवेदी 🙏🏻🙏🏻

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1 JUN 2023 AT 13:27

हमारी शकशियत को ऐसे कैसे कोई भूल पायेगा हुज़ूर....

रिश्तों को आखिरी सांस तक बड़ी शिद्दत से निभाते है हम..😊

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20 NOV 2022 AT 18:28

तुम नहीं जानते... (विष्णु द्विवेदी)
देशभक्ति एवं करुणाभाव से भरी मेरी मौलिक रचना...
नीचे अवश्य पढ़िए!

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20 NOV 2022 AT 18:04

कोई किसी का साथ यदि उम्र भर चाहे भी... फिर भी नही दे सकता, प्यारे साथियों!
उम्र के तराजू में बैठा इंसान, समय रुपी बांट साथ लिए इस धरातल रुपी संसार में आता है। एक पलड़े में खुद उम्र साथ लिए बैठा है,दूजे पलड़े में परिवार रुपी साथी है। जो घटते एवं बढ़ते रहते है । समय के साथ बांट निरंतर कम होते रहते हैं और हमारी उम्र भी।
फिर अंततः प्राण रूपी डोर टूट जाया करती है। और यह जीवन रूपी प्रक्रम शांत हो जाता है।🙏🏻🙏
#जय_श्री_सीताराम🙏🙏
#एक_मानवीय_विचार✍️

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18 MAY 2022 AT 18:29

असफलता रुपी तिमिर से जीवन में अंधियारा न होने दें,
चंद्र एवं प्रभाकर प्रमाण है, प्रत्येक ग्रहण के उपरांत नूतन दिवस (अवसर) अवश्य आता है!!

साभार!

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10 APR 2022 AT 15:51

रघुवंश के रघुवर तुम हो , सूर्यवंश के कुलदीपक हो
शान अयोध्या की प्रभु तुमसे , सौमित्र के प्राण तुम्ही हो
रामभगत गहे पादुका तुम्हारी , भ्रातत्व का भाव तुम्ही हो

मनुजों में हो श्रेष्ठ प्रभु तुम , मर्यादा का मान तुम्ही हो,
तप में तुम सम कोऊ न तपस्वी , सकल गुणों की खान तुम्ही हो
योगी शिव तुमको ही ध्यावें , योगियों का भी योग तुम्ही हो,
सदा रहे सारंग हाथ में , संघारक हो सौम्य तुम्ही हो।
राम नवमी के पावन पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं 🙏🏻🚩

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3 MAR 2022 AT 20:38

#गरीबी और जिन्दगी
सारे वज़न उठाकर देख लिए,
दाल - रोटी ही सबसे भारी है...

मज़बूर हूँ साहेब मगरूर नही हूँ
घुटने टेके नही मैंने नामाकूल नही हूँ...!!🙏🙏😢

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28 FEB 2022 AT 14:45

तोड़ दो कसमें सभी जंग ए मुरादों की,
लाचार-भूखे बच्चे,बहता लहू, सब याद आता है
अरे...
होगी उनकी जंग जायज़,फिर भी क्या सोचा किसी ने?
तड़प उठा है आज बचपन, गोलियों की गूंज से।
#Stop_War

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22 FEB 2022 AT 19:05

इक रोज़ उसने कहा कि यूं चुप क्यो हो
बोलते क्यों नही हो कुछ
मैंने कहा -
"अगाद प्रेम" में ' शब्द' नही ' भाव' देखे जाते हैं।

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8 FEB 2022 AT 19:41

दर्पण की दरारों को यूं न घूरिये साहेब,
बुलंदी पर सितारे हो तो अमंगल नही होते!— % &

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