कविताएं वे शिशु रही
जिनका जन्म भावनाओं के गर्भ से हुआ
अन्यथा
संसार का कोई भी पुरुष कवि नहीं होता-
जानेजाँ अगले जन्म...तेरी जुल्फ बनकर...
हवा के झोके से...तेरी गालो पे बिखर जाऊँगा...
जुल्फों में उंगलिया फिराने की...बस आदत छोड़ दे...
अच्छा नहीं लगूँगा...गर सँवर जाऊँगा😘-
#जन्म
कभी-कभी जन्म दिया नहीं जाता,
हो जाता है ,अपने ही आनंद
की उत्पत्ति से ......
इसलिए उपेक्षित फिरता है,
फुटपाथ पर
मजबूरन बचपन से
कूडा बीनने के लिए-
झोपड़ियों में कहां बसता है इश्क "शहजादी"
ताजमहल की बात तो अगले जन्म में करूंगा।-
जन्म तो लिया है हमने, अपनी माँ की कोख में,
लेकिन सोना तो है हमे, धरती माँ की गोद में,-
मुझे सात रंग में नही रंगना है,
मुझे बस तेरा रंग काफी है।
मुझे सात जन्म का करना क्या है?
तेरे संग एक ही काफी है।
एक वचन तू दे दे मुझको,
सात वचन की चाह नही,
कभी जुदा गर हो भी जाए,
होगी कम ये चाह नही ।
मुझे सात सुरो से क्या है मतलब ?
तेरी हँसी एक काफी है।
मुझे सात रंग में नही रंगना है,
मुझे बस तेरा रंग काफी है।-
कुछ नहीं करना होता कवि बनने के लिये
कुछ नहीं करना होता कविता जनने के लिये
हृदय की पीड़ा
जब करती शब्दों से क्रीड़ा
तो होता है कविता का जन्म।-
स्त्री ढूँढ रही है एक कोना
दुनिया के हर कोने में
कई जन्म लेते ईश्वर भी
एक जन्म स्त्री होने में
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योग्यता अहम को जन्म देती है
और अहम योग्यता को मार देता है।-