रिश्तों में कभी जंग नहीं लगती
लेकिन जंग न लग जाये के डर से
बारिश में भीगना ही नहीं
वाली सोच से
रिश्ते धूल हो जाते है
दूर तक फैले रेगिस्तान की तरह
जहाँ फिर कुछ नहीं निपजता
फिर कितनी भी बारिश क्यूँ न हो
और
रिश्तों में पसरने लगती है
ख़ामोशी की नागफ़नी
जो बींध देती है
रिश्तों के होने के मानी-
जंग का खौफ है, क्या फर्क पड़ता है तू किधर है।
दिल में बदले की आग लिए बैठे हैं,
ना जाने अंजाम क्या होगा पर मौत का रास्ता चुन बैठे हैं।
किसी ने भगवान का नाम लिया तो किसी ने अल्लाह को याद किया,
मौत का मंजर अपनी आंखों से देखा तो,
इंसानियत की ओर अपना मुख मोड़ लिया।
ढेर है लाशों के, जाएं जिधर नजर।
तुम जश्न मनाना दुश्मन के मौत पे,
मैं पैगाम लिख याद दिलाऊंगा कि तुमने इंसानियत खो दी आज।
किसी की राखी किसी का सिंदूर तो किसी की लाठी आज श्मशान पहुंची है,
देख आ के उनके घर का माहौल, जरा आ के देख तू,
आसमां भी क्या खूब लाल-पीला हुआ है।-
गलतियों का परिणाम ही है ये वक़्त तेरा..
वरना प्रमाण की जंग तो प्रिय थी तुझे !!-
ہے میری جنگ اپنوں سے، نتیجہ ایک ہی ہوگا
جو ہاروں تو بھی میں ہاروں، جو جیتوں تو بھی میں ہاروں
है मेरी जंग अपनों से, नतीजा एक ही होगा...
जो हारूँ तो भी मैं हारूँ, जो जीतूँ तो भी मैं हारूँ!
-
जंग जिंदगी की यूं ही नही जीती जाती साहब
स्याह अंधेरों से भी निभाना पड़ता है ,
पेट की भूख को शांत करने की खातिर
फैंके हुए निवालों पे भी गुजारा करना पड़ता है।
......... निशि..🍁🍁-
दिल और दिमाग की जंग में जीतता ,
कोई नहीं बस फासले बने रहते हैं ।-
नेता अपने, सियासती जंग में व्यस्त हैं,यहां गरीब, बेरोजगारी से तंग है.........,
जात-धर्म पर, कर रहे, वे व्यंग्य हैं, और यहां, जूते खाते हम हैं।।-
इंतेजार ये वक्त का कटता नही....
बेहद कीमती पल था जब हम मिले
सफर ये राह गुजर जाते है.....
लेकिन गुजरे हुए दिन फिर नही आते है...
महीनो बाद तुझसे मिलन की घड़ी आई
लेकिन दौर ऐ ज़िन्दगी से बच कौन सका...
हर दिन हर घड़ी वक्त से लड़ना पड़ा...
जीत जाउंगी जंग ये मोहब्बत का..
तू फिर मिलेगा ,उसी पल उसी शहर में.....-
मेरी जंग थी वक्त के साथ
फिर वक्त ने ऐसी चाल चली
मैं अकेला होता गया।-
जंग अपनों से हो, तो हार जाना पड़ता है,
टूट कर बिखर जाओ तब भी मुस्कुराना पड़ता है...
लोग हंसते हैं मेरे दर्द की दास्तां सुनकर,
इसलिए दीवारों को "यार" बनाना पड़ता है...
जो छोड़कर चले जाएं, वो वापस कब आते हैं.?
फिर उनकी यादों के सहारे ही जीना पड़ता है...
सब कुछ हासिल नहीं होता जिंदगी में,
कुछ ख्वाहिशों को दिलों में ही दबाना पड़ता है..!-