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अगर छोटे कपड़ों होने से ही
लड़कियों का चरित्र खराब है!
तो सच बताऊं ऐसी सोच का
फिर शायद दिमाग खराब है !!-
तुम्हारी भी नजर मेरे कपड़ो पर गयी
फिर मैं तुम्हे दूसरो से अलग कैसे समझूँ..— % &मेरे कपड़ो को बदल के क्या होगा
बदलना है तो लोगों की सोच बदलो..— % &कपड़ों पे किसी को आँकते हो तो
ध्यान से देखो कपड़ो से छोटी तो लोगों की सोच है..— % &सुनो मैं सूट भी पहन लूँ ना
तो भी देखने वाले जगह ढूँढ ही लेंगे देखने की..— % &-
हाँ माना कि छोटे मेरे कपड़े थे।।
मगर आपके ख्याल !!!!
क्या नाप सके मेरे चरित्र की चादर को??-
छोटे कपडों पे अक्सर बातें बडी हैं,
जमाने ने एक दूसरे पे दोषारोपण में अक्सर हद की है।-
आज के दौर में नारी सशक्तिकरण का उद्देश्य क्या है ?
स्त्री को आधुनिक और स्वतंत्र बनाने का क्या मात्र एक ही अर्थ है छोटे , फटे, कटे वस्त्र पहनना या जिस्म की नुमाइश करना?
स्त्रियां सुंदर दिखना चाहती है यह ठीक भी है हर इंसान सुंदर और आकर्षक दिखना चाहता है लेकिन सुंदर दिखने का क्या यही एक रास्ता है कि अधुखुले कपड़े पहने जाएं कपड़े तो कई प्रकार के मिलते हैं जिनसे इंसान सुंदर दिख सके ये फिल्मी सितारे जब किसी लड़की के साथ रेप होगा या हाल ही में एक बेटे द्वारा मां को थप्पड़ मारने जैसी घटना पर कुछ बोले या ना बोले लेकिन जब छोटे फटे कपड़ो पर , बात आती है तो सभी के मुंह में जबान और ट्वीट करने के लिए शब्द फूट पड़ते हैं क्या अधखुले बस्त्रो के बिना इनकी कोई फिल्म हिट नहीं होगी। लोग फिल्म में अभिनय देखते हैं कहानी देखते है ना कि अभिनेत्रियों का अधखुला अंग।
(ये मेरे निजी विचार है तथा मेरा उद्देश्य किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं है)
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मर्यादा में रहकर भी खूबसूरत लगा जा सकता है,
साहब.....
उसके लिए छोटे कपड़े पहनने की ज़रूरत नहीं ।।-
सब अच्छा है
दिखा दोगी तुम अपना लचीला हुस्न
लेकिन बार-बार उठती T-Shirt को कैसे रोक पाओगी
उम्मीद तो यही कहती है अब सब अच्छा है
लेकिन बार-बार तुम पर उठती गन्दी नज़रों को कैसे रोक पाओगी
हो सकता है इस बार तुम खुद हो जाओ परेशान
और तुम्हें मिल जाए कोई अजनबी पहचान
घर तो यही कहता है सब अच्छा है
लेकिन तुम दुनिया को हैरान होते कैसे रोक पाओगी
छोटी बच्चीयों से लेकर बूढ़ी औरतें भी हो जाती है शिकार
हैवान है वो लोग जिनकी नज़रों में रहता है उर्यनी-ए-इस्तेहार
बन्द कमरे में तो सब अच्छा है
लेकिन तुम कब तक खुद से नजरें चुरा पाओगी
मैं नही कहता जीन्स-टॉप खराब है
या फिर सलवार -कुर्ता ही तुम्हारे लिए कायदे की किताब है
ए'तिमाद है तुम पर इसलिए मैं भी कहता हूं कल से आज अच्छा है
लेकिन तुम किस-किस का मुंह बंद कर पाओगी
#राही-