काली ज़बान   (काली ज़बान)
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Joined 28 January 2018


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Joined 28 January 2018

जब से तुझे देखा है
बस यूं कुछ करीब से
लुट गया या लुटा दिया
पर हो गया हूं अजीब से
कहीं तिल तो कहीं समुंदर
मिले भी किस नसीब से

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हम मगरूफ तो बहुत है
पर मजबूर बिल्कुल नहीं !

चाहतों के सुरूर में डूबे हैं
पर तुझसे दूर बिल्कुल नहीं!!

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एक अजीब शख्स से मुलाकात मेरी हो ही हुई !!
मैंने उससे उसकी बेईमानी का हाल जो पूछा है!!
वह बोला मुर्दों के शहर में क्या फर्क पड़ता है !!
बेईमानी तो कभी न रुकने वाला सिलसिला है !!
कभी जानबूझकर हुई तो कभी यह इत्तेफाक से हुई!!

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क्या लिखे और अब कितना लिखें
कभी पूरा लिखे तो सैलाब आ जाएगा

कितने ही अल्फाजों को और जुड़ी यादों को बस पी गए
कभी पूरा लिखे तो सैलाब आ जाएगा

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जरूरी नहीं कि तुझे आंखों से देखा जाए
देखने के लिए तो बस तेरी सोच काफी है!!
जरूरी नही की हर प्यासे को पानी पिलाया जाए
प्यास मिटाने को तो एक झलक ही काफी है!!
जरूरी नहीं हर इश्क में प्यार भी हो मोहब्बत भी हो
कामयाब इश्क के लिए तो एक सच्ची रुह काफी है!!

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कितने ही वर्षों से मैं खुद से ही दूर हो गया हूं खुद की बातचीत नहीं हो कर!
भई सच बताऊं तो अपने मन का किए बीत गया है अब तो एक अरसा हो कर !
अब तो हर रोज मिल लेता हूं अजनबियों से बस उनके ही जैसा बन कर !
इस बीतते समय में मैं अब तक इंसान को समझ न पाया जिंदगी में क्या क्या बनकर!
समझा तो बस इत्ता कि खुद की तलाश में आदमी खर्च होता है बस आहिस्ता होकर!!

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24 DEC 2024 AT 12:55

सिलवटें थी कुछ दर्द की
जो बेदर्द हो के बह गई
एतबार की आग़ भी
बस बेकार में ही जल गई!

कुछ इंतजारे कशिश में
बस यूं ही बैठे रह गए
कुछ उस दिल की कशिश में
जाने कब कब जल गए!!

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4 OCT 2024 AT 20:41

ना बात ऐसे कीजिए कि जो तौहीन लगे
जी बस वही कीजिए जो आपको ठीक लगे !!
नही है झुकने की जरूरत बस अर्ज कीजिए
कुछ साथ लग गए तो कुछ ही बस गले लगे !!

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1 OCT 2024 AT 23:06

यूं ही बस रूठ कर वक्त गवाने की जरूरत क्या है
अपने झगड़े में दूसरों के आने की जरूरत क्या है
जिंदगी तो वैसे भी कम है अब जीने की खातिर
ए जिंदगी यूं रूठ कर जाने कि जरूरत ही क्या है

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1 OCT 2024 AT 23:04

सेवा में
समन्वयक BALLB,
विधि संकाय, CMP डिग्री कॉलेज, प्रयागराज
बिषय पत्रांक संख्या CMP/BALLB/0752 दिनांकित
10 /09 /2024 कारण बताओं नोटिस के संदर्भ
में स्पष्टीकरण
महोदया,
आपको सादर अवगत कराना है कि उपरोक्त संदर्भित कारण बताओं नोटिस में आप द्वारा मुझसे इस आशय का स्पष्टीकरण मांगा गया है कि उपस्थिति पंजिका में मेरे द्वारा दिनांक 09/09/ 2024 को ही दिनांक 10/09/2024 के कालम में क्यों हस्ताक्षर कर दिया गया है!
उपरोक्त संदर्भ में सादर अवगत कराना है कि दिनांक 09/09/2024 को भूल बस मेरे द्वारा दिनांक 10/09 /2024 के कॉलम में उपस्थिति पंजिका में हस्ताक्षर हो गया ! इसमें मेरा कोई दुराशय नहीं था ना ही कोई अनुचित लाभ प्राप्त करने के उद्देश्य से ऐसा किया गया था! अपितु दिनांक 10/09/2024 को कॉलेज आया तो इसीलिए मैंने उसे दिन कोई हस्ताक्षर नहीं किया! यह एक मानवीय भूल है!
अतः प्रार्थना है कि भूल बस की गई इस गलती को माफ करते हुए नोटिस को वापस लेने की कृपा करें!
दिनांक प्रार्थी
अश्विनी कुमार
संलग्नक
1. संदर्भित कारण बताओ नोटिस की छाया प्रति

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