जिसने पूरे किये देश के अरमान
यही है एक चैंपियन की पहचान-
गिर-गिर कर उठते उठ कर चलते हैं
लड़खड़ाते-लड़खड़ाते फिर सम्भलते हैं
मुश्किल राहों में सरलता खोज लेते हैं
घने अंधेरे में सूरज निकलता खोज लेते हैं
कितने काटें राहों में पैरों में जाकर चुभ जाते है
तब जाकर मंजिल तक कहीं पहुँच पाते हैं
खातिर एक सफलता की विफलताओं को गले लगाते हैं
सूरज की तरह जलते तब सफलता के शीर्ष पर पहुंच पाते हैं
मुश्किलों से घबराते नही हौसलों में उड़ान रखते है
कदम पीछे हटाते नहीं चैंपियन ऐसी पहचान रखते हैं
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खुद से पहले, देश का सम्मान,
खुद की शान, देश का मान,
दृढ़ निश्चय कर जो अग्रसर हो
हार न माने, जब तक है जान।-
चैंपियन बनने की सोंच रखने वाले गिरते और टूटते जरुर हैं,
लेकिन कभी भी किसी से डरते नहीं।-
हमारे देश की बेटियों को समानता, सुरक्षा व सम्मान मिले तो वो किसी अवसर की प्रतीक्षा नही करती। वह अपने कठिन परिश्रम से उस अवसर को ख़ुद ही पैदा कर लेती है।और यही कारण है, कि दुनिया भी माँ भारती के इन दुलारी बेटियों को मजबूर होकर शीश झुकाती है...!
आप पर प्रत्येक हिन्दुस्तानी को गर्व है...!!और देश की उन सभी बेटियों को जो भविष्य मे कुछ करना चाहती है, उनके लिए आप एक आदर्श है...!!
आपकी इस जीत के लिए आपको एवं पूरे देश को बहुत शुभकामनाएं....!!!💐💐-
सच्ची मेहनत और लगन,
जिनके दिल में हो जुनून,
जीत ही एक लक्ष्य हो,
जिनकी पहचान उनके मेहनत से हो।
जिनके इरादों में हो जान,
जिनको ज्ञान हो सही रास्ते का,
जो केवल खेल को समर्पित हो,
और अपना हर दाव अनुशासन से चले,
यही होती है चैंपियन की पहचान।।
यही होती है चैंपियन की पहचान।।-
अवनति पर चलकर उन्नति का मार्ग कहाँ प्रशस्त होता है...
बिना दृढ़ संकल्प किए कहाँ कोई कार्य सिद्ध होता है...
हो बाहुबल या हो धनबल इन सबसे श्रेष्ठ है ज्ञान धन...
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इसी बात को मन में सजोकर कुछ नया करने
का विचार ही हमारे लक्ष्य का संधान करता है...
🚩🚩
हमारा दृढ़ संकल्प ही...
सारी बाधाओं पर गहरा वार करता है...
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मिलती हैं सफलता जरूर मेरे मित्रों निराशा
के भंवर सेनिकलकर
जब कठिन परिश्रम पर ध्यान होता है...
बिना दृढ़ संकल्प के कहाँ कोई महान होता हैं...-
चैंपियन की पहचान है--
अथक परिश्रम
हार न मानने का गुण
जमीन से जुड़ाव
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