*कि न करें जाति की बात*
*नाम पूछे मगर Title नहीं*
*थोड़ा सा उपकार करें *
*देश हित में यें काम करें*
*कि न करें किसी के जाति से घृणा*
*वो भी इंसान और आप भी इंसान*
*ऐसा महसूस करें और उन्हें महसूस कराए*
*कि अपना एक हीं धर्म और एक ही जाति*
*वो है अपना राष्ट(भारत)*
*जहां बसते है हम हिंदुस्तानी****
_____Live and let live_____
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एक ख़्वाब सजाना है चलोगे क्या
दुनिया को दिखाना है चलोगे क्या
तुम जो हर दिल में बसे फ़िरते हो
टूटे दिल को सिलाना है चलोगे क्या
तुम जहाँ गये उसी के साथ खो लिए
मेरी नींदों को सुलाना है चलोगे क्या
तुम्हारी आँखों में नश़ा है सुना था
कुछ मुर्दों को जगाना है चलोगे क्या
तुम्हें देखकर आईना भी श़र्मा जाए
उन टुकड़ों को उठाना है चलोगे क्या
मुझे छोड़कर जा रहे हो तो मैं भी चलूँ
वहाँ जाकर साथ निभाना है चलोगे क्या
बेवफ़ा इश्क़ भी अच्छा नहीं "आरिफ़"
दिल के दर्द को जलाना है चलोगे क्या
"कोरा काग़ज़" हो तुम सबके सामने
बस आँसुओं को बहाना है चलोगे क्या-
#चलो चले कहीं 😍
चलो चले कहीं दूर इन सब से कहीं ,
चलों चले कहीं दूर इन सब से कहीं क्या पता कल मिलूं की नहीं ,
बातें करो ना मुझसे पकड़ कर हाथ मेरा ,
अरे बातें करो ना मुझसे पकड़ कर हाथ मेरा क्या पता ये लम्हा फिर मिलें के नहीं ,
साथ रहना और छोड़ना नहीं हाथ और कभी जाना नहीं ,
सच बताऊं की मैं तुम्हें छोर किसी और को चाहता भी तो नहीं ,
कुछ है ऐसे हालात और कुछ वक़्त है उदास ,
तुम से मोहब्बत बहुत है पर कैसे करूं इजहार ये समझ आता ही नहीं अगर आता तो तुमसे कभी छुपाता नहीं ,
अब बोल चुका हूं बहुत अब कुछ बोलूंगा नहीं ,
दोस्ती हैं हमारे बीच कहीं टूट ना जाए कहीं ,
अगर सपने में भी खोता हूं तुम्हें आंसू आ जाया करते हैं रुकते क्यों नहीं ,-
क्या ज़रूरी है
हर रिवायत पर तेरा यू तोहमत लगाना
बन्धन रक्षा का नहीं है सोच का है
बस इतना भर परिवर्तन है लाना
बनावट मेरे ही जिस्म सी है
मेरी तमामी जात की
हाँ मुझे असहजता होती है
किसी की भद्दी सी बात की
मुझे तुझको है ये सब कुछ बताना
कल पति और पिता दोनों बनोगे तुम
ना कहना बेटे से कुल के दीपक हो तुम
और बिटिया तुम बाहिर बाजार जाओ
तो है तुमको नजरे झुकाना
मेरी ही जिम्मेदारी है ये तुझे बताना
भाई एक बहन के तौर पर
मुझे तेरे "साथ" की जरूरत तेरे "सहारे" से ज्यादा हो
इस "जगह" इस "वक्त" इन "कपड़ों" में मैं महफूज़ हूँ
महफूसियत के "डर" से ज्यादा
तेरी ही तरह उस पल में मेरी भी "खुशी" ज्यादा हो
गिफ्ट नहीं चाहिए
दे सके तो दे वो ज़मी वो ज़माना
क्या जरूरी है
हर रिवायत पर तेरा यू तोहमत लगाना
बन्धन रक्षा का नहीं है सोच का है
बस इतना भर परिवर्तन है लाना
बस इतना भर परिवर्तन है लाना !!!-
चलो चलते है उन राहों पर..........
जहा मंज़िल की दस्तक न हो..........-
चलेंगे एक साथ
थाम के हाथों मे हाथ
बितायेंगे कई रात
हमारे वादे के साथ....!!-
Writer mr vivek Kumar Pandey
"ना तोड है ना जोर है बस एक ही मोड हैं,
चलते जाना है तुम्हें या पार है या अपार है ".-
मेरी खुशनुमा ज़िन्दगी को आज फ़िर से विराम देता हूँ..
चलो तुम्हारी बेवफ़ाई का तुमको इनाम देता हूँ...
अपने साथ रख कर तुम पर जो सितम धाह रहा था ,चलो आज सारे बंधनो को तोड़ कर तुमको आराम देता हूँ ...
बर्सो से सोच रहे थे अपने प्रेमी की बाहो में रात गुज़ारने कि, चलो आज तुम्हें वो हसिन शाम देता हूँ...
तुम्हॆ भरी मह्फ़िल में शर्मिंदा ना होना पड़े , इसलिए खुद को बेवफ़ा नाम देता हूँ ...
जाते जाते कल को तुम्हें याद ना आने लगे मेरी इसलिए धोखा तुम्हें सरेआम देता हूँ...
सारी दुनिया को कभी तुम गलत ना लगो इसलिए अपनी बेवफ़ाई का प्रमाण देता हूँ...
चलो अल्विदा तुम्हें अब जाते जाते अकेले में पढ़ लेना ,तुम्हें मोह्हबत का आखिरी पैगाम देता हूँ-
दिल में जो बाते हैं आओ चलो हम कह दे
कल का भरोषा क्या आओ इसी पल कह दे-
चलो छोड़ो ये बहस कि
वफ़ा किसने की और बेवफा कौन है
तुम तो ये बताओ कि आज 'तन्हा' कौन है-