जब भी होता है मन निराश
सर को तेरे चरणों में झुका
भर जाता है दिल ,फिर खुशियों से अपार
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अब सौप दिया हमने गुरूवर ,
अपना जीवन तुम चरणों में,
गुरुदेव तुम्हारी भक्ति में,
प्रभु वीतराग की शरणों में।-
माँ पूरी करती हर मन्नत है
माँ के चरणों में पूरी जन्नत है-
हर मुश्किल का सहारा हो बाबा आप
जुड़ी हैं आपसे आस्था और श्रध्दा -विश्वास
हर अंधियारे -उजियारे में देतें रहना साथ
मन रहे सदैव पावन निश्छल और
आपके चरणों में झुके हर बार ये माथ ॥-
अपने ही घमंड में थी मैं चूर
तो खुद को खुदा समझ बैठी
जब बदला समय ने अपना रूप
तब हुआ मेरा गुरूर चूर-चूर!-
रूह का सुकून है
ज़िन्दगी का मुक़ाम है ,
विश्व में जीवन है
स्वयं में जहान है ।
चरणों में वंदन है
वात्सल्य का प्राण है ,
ईश्वर से पहले
माँ ,आपको प्रणाम है ।
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तन पर भस्म, गले में सर्पो का हार है
जटा में गंग ,माथे पर चंद्रमा बिराज है
परम पिता परमेस्वर के चरणों में मेरा
बारम्बार प्रणाम है ।।-
ईश्वर ने इस श्रृष्टि में
एक अद्भुत सृजन किया
जिसे मृत्य-तुल्य
वस्तुओं से व्यक्तियों तक को
जीवंत करने का सामर्थ्य दिया
उस शक्ति से हम सब परिचित हैं
" गुरु "
गुरु ही है वह शक्ति-