QUOTES ON #घड़ी

#घड़ी quotes

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20 MAR 2020 AT 19:32

मुसीबत की घड़ी में सबका साथ चाहिये।
मैं सेनिटाईजर लाया हूँ, तुम्हारा हाथ चाहिये।

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25 MAY 2018 AT 14:48

टूटी हुई घड़ी बांधता हूँ मैं हाथ में,
वक़्त के कदमों की आवाज़ कानों में गूंजती बहुत है।

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16 APR 2020 AT 17:12

वक़्त घाव वक़्त मरहम, वक़्त दुश्मन वक़्त हमदम,
चीख़ वक़्त वक़्त सरगम, वक़्त नहीं वक़्त हरदम!

वक़्त ईनाम वक़्त सज़ा, वक़्त मना वक़्त रज़ा,
बहार वक़्त वक़्त कज़ा,वक़्त शोक वक़्त मज़ा!

वक़्त तन्हाई वक़्त मेला,वक़्त गुरु वक़्त चेला,
खज़ाना वक़्त वक़्त धेला, वक़्त दर्शक वक़्त खेला!

वक़्त आम वक़्त ख़ास, वक़्त डर वक़्त विश्वास,
प्रसंसा वक़्त वक़्त उपहास, वक़्त आम वक़्त खास!

वक़्त इंसान वक़्त भगवान, वक़्त देव वक़्त शैतान,
मस्त वक़्त वक़्त परेशान, वक़्त बस्ती वक़्त शमशान!

वक़्त मैं वक़्त तुम, वक़्त पास वक़्त गुम,
हंसी वक़्त वक़्त हुम, वक़्त सागर वक़्त खुम!

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28 FEB 2017 AT 21:20

घड़ी बदलने से वक़्त नहीं बदलता
पर वक़्त बदलने से घड़ी बदल जाती है।

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9 APR 2018 AT 23:33

एक मुद्दत के बाद "मौलवी साब" की दुकान पर जाना हुआ, क़स्बे की सबसे पुरानी "घड़ी मैकेनिक" की दुकान। जाने क्या नाम रहा होगा उनका, बस सब मौलवी साब ही बुलाते थे। तक़रीबन 10 साल बाद मुखातिब हुआ उनसे ना वो तिल भर बदले ना दुकान।
बस धूल थोड़ी सी चढ़ गई थी समान पर, कुछ पुराने पार्ट्स घड़ियों के, कुछ बच्चों की रंग बिरंगी घड़ियाँ एक आध नई दीवार घड़ी। नई कलाई घड़िया नदारद थी।

शायद ही कोई हफ़्तों से दुकान पर आया होगा।
मुझे अनुमान लगाते देख वो समझ गए शायद और मर्म भरी नज़र से मोबाइल की तरफ़ देखा।
कैसा है दुनिया का ये चक्कर हर कोई शक्तिशाली नया अपने से कमज़ोर पुराने को निगल जाता है। सेलफोन क्या आये लोगो ने घड़ियाँ बांधनी छोड़ दी, स्मार्ट फोन सिम्पल फोन को लील गया।
अब शायद ये टच स्क्रीन फोन किसी घड़ी साज़ की दुकान को देख अहंकार से मुस्कुराता होगा। पर भूल जाता है किसी रोज़ घड़ी भी इसी अहम में थी।

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18 JUL 2021 AT 20:18

घड़ी एक ख्वाब हैं।
और वक़्त एक हकीकत।

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23 AUG 2017 AT 10:39

यूँ ही बीत जाती है शाम मुलाकात की
घड़ी की सुईयाँ ही बस भागा करती है

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21 JUL 2020 AT 13:21

घड़ी-घड़ी, ये घड़ी मत देखो
कुछ घड़ी तो अपनों के साथ बैठो
फिर देखो ये घड़ी भी कैसे बदलती है
और हर घड़ी तेरी क़दमो में होती है

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13 FEB 2017 AT 1:29

रातों के सन्नाटों में, घड़ी की टिक-टिक सुन कर देखो तुम,
हर घड़ी यही सुनाती है कि वक्त ज़ाया कर रहे हो तुम।

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18 JUL 2021 AT 21:33

Ki tujhse milne ki aas h...
Ghadi..
Ghadi ek khwaab h...

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