तुम प्रेम का रंग हो
तुम ही प्रेम तरंग
तुम ही तो पथ प्रेम हो
तुम ही प्रेम द्वार
बरसती श्रावण रातों में
ठिठुरता अहसास तुम
रिमझिम गिरती बूंदों में
नयनो की आस तुम
जलती विरह रातों में
मिलन की अभिलाषा हो
घोर निराशा के क्षणों में
तुम तृप्त प्रेम की परिभाषा हो
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परीक्षा की है घोर घड़ी आई
सामाजिक नियम के दूरी को हम
एक दवा मान के चलें जब भी
मिले एक दूसरे से मुंँह पर मास्क
लगाकर मिले जो आशा है उसे
टूटने मत देना आज हम सब
लोग प्रण लेते हैं कि कोरोना
को और फैलने से रोकना है
Good morning 🙏🙏
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वर्षा : मम्मी, कल सिम पोर्ट कराके लाके रखी थी,
पता नहीं कहां गई ।
मम्मी : वो सिम तो चूहा ले गया,
अपनी g.f. से बात करने के लिए ।
😳😂🤐
...-
नेट युगी अती, होईलच माती !
करावा तो किती, अट्टाहास !!
फेसबुक चँट, ते वाँट्स अँप !
येवु न दे झोप, कुणालाही !!
रात्रंदिन घोर, लाईक कमेंट !
लागे पुर्ण वाट, तब्येतीची !!
निशाचर वारी, कधी तरी बरी !
सकलां विचारी, सुख दु:ख !!
अखंडित डेटा, सर्वांचीच व्यथा !
तंत्रज्ञान गाथा, वदे शिवा !!-
जब-जब भी अहसासों की यूँ घोर नीलामी होती है,
माँ के आँचल की उस पल..सख्त जरूरत होती है।-
सब ओर छाया अंधेरा घोर
चीखता सन्नाटा, शांत क्यू है शोर
मौत खड़ी है राहों पर अपनी बाहें खोल
ज़िंदगी ढूंढ़ती है छिपने को ओट
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सुख चाहते हो तो
सुख ही बांटना
खुशी चाहते हो
तो खुशी
दर्द तो हर कोई
दे जाता है
तुम सिर्फ हंसता हुआ
मुख ही बांटना।।-
घोर घटा घन घोर घटा
बादल से रिमझिम बरसात
अम्बर बादल की जिद्द हैं
तो बुझने दे धरती की प्यास-