ये वक़्त गुज़र गया,
इस जाते वक़्त में,
ये भी साल गुज़र गया,
अपने वक़्त में...
कुछ छूट गए अपने,
तो किसी अपने का,
नया रिश्ता बन गया,
एक पल गुज़रा,
एक लम्हा इक साल बन गया,
जो छुटा फ़िर वो मिला नहीं,
ये साल बहुत कुछ ले गया,
कुछ यादें रह गयी,
कुछ बातें रह गयी,
औऱ रह गया तो बस मलाल,
ना तो कुछ पा सका,
ना तो उसे भूल सका,
वो ज़रिया था औऱ ज़रिया,
बेहिसाब हो गया.....
इस वक़्त के इस साल में,
ना तो वो मेरा हुआ,
औऱ देखो..लोग कहते कि,
ये साल भी गुज़र गया!!
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