चकोर की तड़प में चाँद की आसमान में गहमागहमी रहती है,
उनका इश्क़ खींचे फिरता है,सितारों को गलतफहमी रहती है,
सवेरा गुजर जाता ओंस सोखने में, दोपहर धूप से हाथापाई,
शाम गुजर जाती ज़ाम में, रात छत पर चादर सहमी रहती है,
दिल ने एक एक जज़्बात को पाला बड़े अरमानों, उम्मीद से,
दिमाग ने सही राह कभी न पकड़ी परवरिश वहमी रहती है,
श्योराण✍️-
23 JUN 2020 AT 0:29
9 AUG 2020 AT 22:01
कुछ गहमागहमी चल रही है इस जहान में,
क्या फिर बादलों का रूख मुड़ने वाला है!!-
14 DEC 2018 AT 23:15
अंतर्मन की अंतर्व्यथा से स्तब्ध पड़ा संसार है, तर्क-वितर्क की उलझनों में झुलसने को लाचार है।
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6 JAN 2019 AT 19:28
सारे लड़कों में बड़ी गहमा-गहमी मची है
लगता है मोहल्ले में कोई हुस्न परी आई है-
18 JUN 2020 AT 5:12
यहां कोई चीज हमेशा के लिए नहीं रहती।
गुरूर है एक दिन टूट जाएगा ।
झुटा प्यार है तो एक दिन छूट जाएगा
वक्त है वो भी निकल जाएगा ।
और जो रह जाएगा वो है आपके कर्म।
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18 NOV 2024 AT 21:57
तू याद से ऐसे जुडी है जैसे जिस्म से सांस,
प्राण छूटे तो सांस टूटे ,बस खुश रहे तू सदा !!-