एक चिल्लाहट से तोड़ दे क्या,
खोखले से इस देह का मौन !!-
तुम कांठ का बना वो बक्सा रहे ..
जिस पर स्वर्णिम धातु से .. लिखा था तुम्हारा नाम
..
खुद को भी तुमने .. बस इतना ही समझा
खोखले ही रहे भीतर से ..
..
देखा था झांक के मैंने एक दफ़ा
बहोत अँधेरा .. सुनसान .. उदास .. खाली सा
..
सुनो .. !!
मैं तुम्हें बिन बताये .. एक बूंद 'प्रेम' की ..
रख आई हूँ 'तुम में' ..-
यही सोचकर चले जा रहे थे
ट्रेन की रफ्तार में यादों के पन्ने खुले जा रहे थे
दिल के सारे उलझे तार जुड़े जा रहे थे
आँखों से अश्रु धार बहे जा रहे थे
फिर खुद को संभाला
यादों से बाहर निकल मौजूदा वक्त को खंगाला
साथ रहकर घुट-घुट कर
दिखावटी रिश्तों से दूर रहना ही अच्छा
अब बिछड़ जाना ही अच्छा...-
Budha
Better than a thousand hollow words, is One word that brings Peace.
बुद्ध
हजारों खोखले शब्दों से अच्छा वह एक शब्द है जो शांति लाये.-
कुछ खोखले था तेरा,
तभी तो हमारा रिश्ता टूटने का,
शोर तेरी तरफ से मचा ।।-
मुझे मेरा अकेलापन ही ज्यादा भाता है
खोखले बनावटी रिश्तों के बीच दिल घबराता है
-
खोखले जज़्बात
मेरे खोखले जज़्बातों को,
तूने आज पनाह दे दिया।
और इस टूटे हुए दिल को तूने ,
फिर से जोड़ दिया।
गम न था तेरी पहली,
मोहब्बत न बन सकी मैं।
पर खुशी इस बात की है कि मैं ,
तेरी आखरी मोहब्बत बन गई।
तेरे इश्क में आज फिर ,
एक मस्तानी दिवानी हो चली है।
जो टूटने से भी न टूटे,
ऐसी डोर बन्ध चुकी है।-
रिश्तों में ज़ंग लग जाए तो साफ करना चाहिए।
और अगर रिश्ते खोखले हो जाएं,
तो वक्त रहते खत्म कर देना ही बेहतर है।।-
आज भी अगर कुछ मुट्ठी भर घाघ नेता जनता
को धर्म के नाम पर बाँटने में सफल होते हैं,
तो ये बहुत बड़ी विडम्बना है। और जनता
के अपने आप को इक्कीसवीं सदी के माॅडर्न
और जागरूक नागरिक कहलाने के दावे
खोखले हैं... जय हिन्द-