ज़िंदगी वैसी नहीं होती है ,जैसे हम दिखलाते है,
बल्कि ज़िंदगी तो वह होती है, जो हम छुपाते है।-
हमारे लहू में उबाल मर गया है।
इंसान आज इंसा से डर गया है।
कब कौन किस पर वार कर दे
अब भरोसा कब किधर गया है।
चल पैगाम मोहब्बत का बाटें
दिल अब नफरत से भर गया है।
एक चिराग तो जलाओ कोई
जुल्मत यहाँ जमाना कर गया है।
दहशत फैली है कितनी दोस्त
अपना बन के खंजर मार गया है।
उम्मीद करू भी अब किससे
जब अपना लहू पानी बन गया है ।-
People always hurt u but u cannot hurt yourself and this is the best part and the journey of yur happiness start when u start loving yourself
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हमारी मोहब्बत के एकलौतें वारिस हो आप ,
गुरूर करिए अपनी इस जायदाद पर !!!-
ये नींद न जाने आजकल खफ़ा क्यों है हमसे
जागती आँखों में अपनी, किसी का चेहरा सजा रखा है
जिनके हर काम को अंजाम देने में जिक्र मेरा आता था,
आज अंजाम उन्होंने मेरा बुरा बना रखा है
ज़ुबान देके भी मुकरे जो बातों से अपनी वो
आज कागजों पे मैंने कारोबार बना रखा है
मेरा तो कुछ हीं बिगाड़ा था उन्होंने,
फिर सबकुछ तो खुद का मैंने ख़ुद ही बिगाड़ रखा है
बड़ी दूर निकल आये हैं खुद से अब
वापसी का किराया भी देने से उन्होंने इनकार कर रखा है
उन्हें भूले भी तो कैसे भूले जिन्हें
अपनी यादों में बसा रखा है
तमाम कोशिशों के बाद भी जो मेरा कभी हो न सका,
मैंने उसे अपनी कविताओं में कैद कर रखा है.
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पतझड़ में वह सावन की सौगात लेकर आये।
प्यासी धरा के लिए वह बरसात लेकर आये।
कट रही थी जिंदगी कशमकश में अब तक ,
सूनी आँखों में वह हजारों ख्वाब लेकर आये।
उनके अलावा कोई तमन्ना ही न रही जिंदगी में जो मेरी प्यार की सौगात लेकर आये।-
ख्वाबों में बसती हो
कभी सामने तो आ जाओ।
तसब्बुर से निकल कर
हकीकत में पास आओ।
नजरें मिलाती हो
तो उनको न झुकाया करो
प्यार करना है गर तो
मत मोहब्बत में शरमाओं।
निगाहों की खामोशी
बयां कर देती है हाल ए दिल
नजरें मिलाकर हमारे
साथ महफिल में मुस्कुराओ।
मुझको क्यों सताते हों
अदाएं अपनी यू दिखा कर
लहराकर अपनी जुल्फे
तुम बाहों में समा जाओ।
बनकर मासूम क्यों
कत्ल करती हो निगाहों से
जुदा रहेंगे कब तक
बन सबा जिस्त में आ जाओ।
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दर्द दिल में कितने बसते है।
भुला कर हम कैसे हँसते है।
कम मत समझो हमें यारों
कब हम मुश्किल में फँसते है।
कब हम जिन्दगी को समझे
बेकार सब प्यार को तरसते है।
कब तक आग दबा कर रखें
बुझाने वाले बहुत दूर बसते है।
नजर डालो गिरेबां में अपने
कमियां सब दबाकर रखते है।
कमजर्फ कितने है यहाँ लोग
दौलत कैसे छुपाकर रखते है।
Aur maangte v humse hi hai 😂🙂😂
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रातों को भी अब दीपक जलाना छोड़ दिया।
जो जा रहे हैं उनको वापस बुलाना छोड़ दिया।
वह पूछते हैं अक्सर हाल कैसा है मेरा,
मैं कैसा हूँ यह सब बताना छोड़ दिया।
जिन से बात किये एक पल भी नहीं कटता था,
उनको आज कल अब हमने सताना छोड़ दिया।
अब कोई कितना भी प्यार लेकर राहों में मेरी आये,
सब से कह देता हूँ कि सोनल ने अब दिल लगाना छोड़ दिया।
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