हर महीने खून देखने वाली खून से क्या डरानी !
जालिमों औरत तो होती है सिर्फ मोहब्बत की दीवानी !-
'क़त्ल' कर के 'अभि' मेरा वो 'संगदिल' बेरुख
'क़ातिल' भी कमबख्त खून के आँसूं रोया होगा।1।
मेरे गुज़र जाने के बाद जरूर हुआ होगा उसे इस बात
का एहसास कि उसने अनजाने में क्या खोया होगा।2।
'करवट' बदल-बदल कर ही बीती होगी ए दोस्त!
रात उस हरजाई की, उस रात वो कहाँ सोया होगा।3।
'मिटते' ही नही होंगें 'खून' के 'निशान' मेरे, बड़ी ही
'मशक्कत' के बाद उसने उन धब्बों को धोया होगा।4।
रुकता नही होगा उसकी आँखों का पानी 'अभि' यकीनन
उसने अपने तकियों को कई दफ़ा भिंगोया होगा।5।
जताता नहीं होगा वो 'हाल ए दिल अपना' लेकिन कमरे
के कोने में मेरे होने के एहसास को उसने संजोया होगा।6।
जानता है वो कि जा चुका हूँ मैं लेकिन फ़िर किसी रोज
भूल से ही मेरे लौट आने के सवाल को पिरोया होगा।7।
दुःखता होगा 'दिल' उस 'पत्थर' का भी जब आकर
मजार पर मेरे उसे मेरे नाम के साथ जोड़ा गया होगा।8।
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खून का आखरी छींटा उड़ना अभी बाकी है
देश तो अभी आधा आजाद हुआ है
पूरा आजाद होना अभी बाकी है
इंकलाब जिंदाबाद-
स्याही से लिखे ख़तों का जवाब ना आया
सोच रहा हूँ, आखरी ख़त खून से लिख दूँ-
अगर दिल ग़म से खाली हो तो जीने का मज़ा क्या है
न हो खून-ए-ज़िगर तो अश्क़ पीने का मज़ा क्या है।-
मेरे हँसी को तुम भले अपना उपहास मान लेना ।
आँसुओं का आकर भी कभी इतिहास जान लेना ।-
♥️
रंग दीवारों का🌈
मेरी
पसंद है
उसको !
उसको
खबर कहाँ,
कि मैंने 'खून' मला है !!
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आँख के आँसू किसी को नही दिखते।
खून की बूंद से लोग यहाँ चरित्र जान लेते।-
यूं नाराज़ ना रहो चले जाएंगे तुमसे दूर
अभी तो खून का आखिरी कतरा बहना बाकी है-