हर बार डटे रहना मैदान में भी समझदारी नहीं होती
कभी कभी बड़ी जीत को रणछोड़ होना पड़ता है .....-
सुनो..अर्जुन!!
मै एकलव्य..
तुम्हारे शान के खातिर
मेरा अंगूठा का कटना तय है..-
ये सरकार भी भारत को कल किसके हाथ में था
हिंदू राष्ट्र नहीं बना सकती, किसने कूटनीति से देश
ये सरकार भी जातिगत का विभाजन किया..
आरक्षण को नहीं हटा
सकती..अब फैसला किसने
हमारे हाथ में है... दलित वोट के लिए
मगर.... आरक्षण का दाव खेला-
कोई दीवाना रहता है, कोई पागल समझता है,
मगर धरती की बेचैनी को बस बादल समझता है,
मैं तुझसे दूर कैसा हूं, तू मुझसे दूर कैसी है,
ये तेरा दिल समझता है, या मेरा दिल समझता है!
😘😘😘
कुमार विश्वास की अभूतपूर्व रचना
मेरी पसंदीदा!-
यशदेह रही जीवित भू पर,
हर भीम भयंकर चला गया,
सुकरात अरस्तु बचे रहे,
पर शिष्य सिकंदर चला गया!
अर्थात ग्यान सर्वोपरि है, बाहुबल नहीं!
------- कुमार विश्वास
😘😘-
जो कूटनीति की परिभाषा ना जाने,
वो खुद को सयाना समझ रहा।
जब पर्दा उठेगा भ्रम का, पतन उसका तय है।-
बीवियाँ भी
कूटनीति अपनाती है
कूट कूट, पति से
कई राज़ उगलवाती है-
Removing restrictions doesn't reveal the spoiled you but it reveals the real you...
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झूठ कहूँ तो सब सच है,
सच कहूँ तो सब झूठ,
कि पहने कितने मुखौटे कौन यहाँ,
न जानो तो सब सुंदर, जानो तो नीति कूट !!-
पहले तो पुरुषार्थ के पुलिस थाने में रपट लिखाओ,
फिर प्रारब्ध के मंदिर की चौखट पर उम्मीद का दिया लगाओ,
आत्मविश्वास व उत्साह के आगे मित्रता का हाथ बढ़ाओ,
निराशा एवं डर को जीवन की अदालत में चुनौती दो,
परिवार और अध्यात्म की शक्ति का संपादन करो,
और हां ! स्वास्थ्य की संजीवनी भी साथ रखो।
सफलता और कूटनीति कई मायनों में एक जैसे हैं।
सबको साथ रख, इस चक्रव्यूह का तोड़ रणनीति से हांसिल करना होता है।
फिर वह एक व्यक्ति हो या एक राष्ट्र...।
- पंकिल देसाई
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