जिसे कांटो की सीढ़ी को यहां चढ़ना नहीं आया,
उसे मूरत नवल प्रतिमान की गढ़ना नहीं आया।
यहां शतरंज जीवन और पग–पग पर ही दुश्मन है,
जिसे लड़ना नहीं आया, उसे बढ़ना नहीं आया।-
मुहब्बत दर्द देती है मगर जीना सिखाती है।
मुझे जीवन की राहों में तुम्हारी याद आयेगी,
हृदय के हर किनारों में तुम्हारी याद आयेगी,
विदा है कर रहे तुमको मगर ये बात भी सच है,
नज़र के हर नज़ारों में तुम्हारी याद आयेगी।-
बहुत मेकअप लगाती है,हमें नखरे दिखाती है,
कभी नज़रें चुराती है, कभी हमको सताती है।
नज़र उसकी करे घायल लवों का काम है मरहम,
मुहब्बत दर्द देती है मगर जीना सिखाती है।-
सबको अपना बनाओ सुनो होली है,
खूब रंग भी लगाओ सुनो होली है।
साल भर में हुए दूर हमसे जो जन,
बैर उनसे भुलाओ सुनो होली है,।
मेरे सारे सपन वह तुम्हारे लिए,
प्यार में हम रहे बह तुम्हारे लिए
प्यार के रंग में तो रंगे तुम मगर,
होली के रंग भी यह तुम्हारे लिए।-
जीत की राह में तो कई हार हैं,
फूल कांटो के तो दूसरी पार हैं।
हार के वक्त में चार अपने नहीं,
जीत में पूरी दुनिया खड़ी द्वार है।
इक दिया भी किसी को मिला ना कहीं,
कुछ के हर वक्त देखो तो त्योहार हैं।
एक दुर्बल जिसे ,यार तक ना मिलें,
पर सबल को यहां प्यार ही प्यार है।
©️ कवि नमन भारत-
मेरे सारे सपन वह तुम्हारे लिए,
प्यार में हम रहे बह तुम्हारे लिए
प्यार के रंग में तो रंगे तुम मगर,
होली के रंग भी यह तुम्हारे लिए।
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जीत की राह में तो कई हार हैं,
फूल कांटो के तो दूसरी पार हैं।
हार के वक्त में चार अपने नहीं,
जीत में पूरी दुनिया खड़ी द्वार है।
✍️"कवि नमन भारत"-
भले हो सामने मखमल मगर हम रह नहीं सकते,
दिशा प्रतिकूल हो लेकिन अभी हम बह नहीं सकते,
है असमंजस यही जीवन की राहों का सुनो यारों,
जिसे हम सह नहीं सकते उसे ही कह नहीं सकते।
✍️”कवि नमन भारत"-
वो जो अपना बताते हैं वही हमको सताते हैं,
स्वयं राहें बताते और फिर कांटे बिछाते हैं।
मदद कांटो की करते और ’पारिजात’कहते हैं,
वो इक चहरा दिखाते और इक चहरा छुपाते हैं।
✍️"कवि नमन भारत"-