तेरा वो झूठा इल्ज़ाम
कर रहा काले टीके का काम।-
आज तुम्हें इतना हंसते देख
मेरा दिल मानो खुशी से झूम उठा हो,
जैसे मानो तुम्हारी खुशीयों में ही
मेरा दिल अपनी खुशीयाँ ढ़ुंढ़ लिया हो,
दुआ है तेरी खुशीयों को किसी की नज़र ना लगे
आ तेरे गालों पे प्यार का काला टीका लगा दे,
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जब भी तुझे देखता हूँ तेरा
बहुत देर तक मुझमें
असर रहती है।।
तेरी धड़कन की हर आह
की मेरे इस दिल को
खबर रहती है ।।
अरे तू बात मान काला
टिका लगा करके
निकला कर..
सुना है इस ज़माने को हर
एक खूबसूरत चीज़ पे
नज़र रहती है।।-
छुप कर जमाने से नकाब लगा रखा हैं
बुरी नज़र का काला टीका लगा रखा हैं
पहचान ना ले कोई मुझे इस दौर में
इसलिए कमरें में आईना लगा रखा हैं।-
एक काले टीके की ज़रूरत है रिश्तों को,
कम्बख़्त, रिश्ते बीमार बहुत हो रहे हैं।-
के ज़रूरत नहीं मुझे,
इन काले टीकों और दुआ-ए-तावीज़ों की,
अक्सर इनके असर कम पड़ जाते हैं,
मेरी माँ की दुआ के आगे..-
ज़िंदगी ने देखो फिर से, सिक्का उछाला प्रेम का
उन्होंने प्रेम से हमें चखाया, पहला निवाला प्रेम का
प्रेम नज़र से देखूँ प्रेम को, नज़र न प्रेम को लग जाये
कोई जा कर लगा दो प्रेम को, टीका काला प्रेम का-
भावनाओं का
अपरिमित सौंदर्य समेट
कोई तरुणी
बन पाती है प्रेमिका
फिर अपने अलभ्य प्रेमी को
पदच्युत कर लगा लेती है
स्वयं के माथे पर एक काला टीका
जो बचाकर रखता है
इस ब्रह्मांड के हर पुरुष को
उसका प्रेम बनने से.-
जब भी करना
श्रृंगार
आईने में
देखकर खुद को
एक काला टीका
ज़रूर लगा लेना तुम
मैं नही चाहता
की तुम्हें नज़र लगे
आईने की भी।-