ठहरती नहीं ज़िन्दगी, काफ़िला बढ़ा चलता है,
मिल ही जातें हैं मुसाफिर, कारवाँ बना चलता है,
कुछ खास ऐसे भी, जो मेरी परछाइयाँ बनें,
साथ जिनका पाकर, सब तनहाइयाँ मिटें,
पाकर जिन्हें जिन्दगी, तरतीब सी लगे,
मुस्कुराहट जिनकी दिल के, करीब सी लगे,
सुनकर उन्हीं की बोली, रुक्सार खिल उठे,
जीवन में वो जो हो तो, संसार खिल उठे,
ख्वाइश है इस दिल की, बस साथ ही चलें,
मंजिल हो चाहे कोई, एक राह ही चलें,
खामियाँ एक दूसरे की, दूर कर सकें,
हिम्मत बनें एक दूसरे की, गुरूर कर सकें।
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